पिछले दिनों ही महाराष्ट्र में कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शुमार और पूर्व गृह राज्यमंत्री कृपाशंकर सिंह ने पार्टी से इस्तीफा दिया था। कृपाशंकर सिंह का कहना था कि पार्टी ने 370 का विरोध किया है। जबकि पार्टी को इसका समर्थन करना चाहिए। लिहाजा वह पार्टी से इस्तीफा दे रहे हैं। वहीं पांच अगस्त को जब केन्द्र सरकार ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाया था तो उस वक्त कई नेताओं ने इसका खुलेतौर पर समर्थन किया था।
नई दिल्ली। सोनिया गांधी द्वारा कांग्रेस की कमान संभालने के बाद ज्यादातर कांग्रेस के नेता 370 को मुद्दा बनाकर पार्टी से किनारा कर रहे हैं। अभी तक जहां पर कांग्रेस के नेताओं ने पार्टी से किनारा किया है। उन्होंने 370 को ही मुद्दा बनाकर पार्टी को छोड़ा है। मंगलवार को कांग्रेस की तीन बार की सांसद राजकुमारी रत्ना सिंह ने भी पार्टी को अलविदा कह दिया है। रत्ना सिंह ने भी 370 के मुद्दे पर कांग्रेस को घेरते हुए भाजपा का दामन थामा है।
पिछले दिनों ही महाराष्ट्र में कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शुमार और पूर्व गृह राज्यमंत्री कृपाशंकर सिंह ने पार्टी से इस्तीफा दिया था। कृपाशंकर सिंह का कहना था कि पार्टी ने 370 का विरोध किया है। जबकि पार्टी को इसका समर्थन करना चाहिए। लिहाजा वह पार्टी से इस्तीफा दे रहे हैं। वहीं पांच अगस्त को जब केन्द्र सरकार ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाया था तो उस वक्त कई नेताओं ने इसका खुलेतौर पर समर्थन किया था।
समर्थन करने वालों में हरियाणा के दिग्गज कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा भी थे। हालांकि हुड्डा ने पार्टी को अलविदा नहीं किया। लेकिन उन्होंने विरोध जता दिया था। उत्तर प्रदेश के रायबरेली से कांग्रेस की विधायक और पार्टी के खिलाफ बागी रूख अपनाए अदिति सिंह ने भी अनुच्छेद 370 का समर्थन किया था। हालांकि अभी तक अदिति सिंह ने पार्टी से इस्तीफा नहीं दिया है। लेकिन माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में वह पार्टी से किनारा कर सकती हैं। पिछले दिनों अदिति सिंह ने पार्टी लाइन के खिलाफ जाकर यूपी सरकार द्वारा बुलाए गए विशेष सत्र में हिस्सा लिया था। जबकि कांग्रेस ने राज्य में इसके खिलाफ प्रदर्शन किया था और इसमें कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने हिस्सा लिया था।
अब प्रतापगढ़ से सांसद रही राजकुमारी रत्ना सिंह ने 370 को मुद्दा बनाकर भाजपा का दामन थामा है। रत्ना सिंह का पूरा परिवार कांग्रेस से जुड़ा हुआ है। उनके पिता राजा दिनेश सिंह इंदिरा गांधी के करीबी लोगों में माने जाते थे। लेकिन पार्टी में अपनी हैसियत कम होते देख रत्ना सिंह ने पार्टी को अलविदा कह दिया है। फिलहाल माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में पार्टी की पूर्व सांसद अन्नू टंडन, कांग्रेस के सचिव अजय कपूर और पूर्व सीएलपी प्रदीप माथुर भी पार्टी को अलविदा कह सकते हैं। ये नेता कम अनुभवी अजय कुमार लल्लू को प्रदेश की कमान दिए जाने से नाराज हैं।
Last Updated Oct 16, 2019, 6:05 PM IST