पाकिस्तान और चीन ने भारत से हमेशा दुश्मनी निभाई है। आम लोगों में भी इन दोनों देशों को लेकर बहुत नाराजगी दिखाई देती है। लेकिन आश्चर्य तब होता है, जब कांग्रेसी नेता खुलेआम चीन-पाकिस्तान से गलबहियां करते हुए दिखाई देते हैं। क्या कांग्रेस को भारतीय जनता की नाराजगी का जरा भी डर नहीं
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के समर्थकों की लिस्ट में एक नया नाम जुड़ गया है। पाकिस्तान के पूर्व गृहमंत्री रहमान मलिक का। जिन्होंने ट्वीटर पर राहुल गांधी को भारत का अगला प्रधानमंत्री घोषित कर दिया है।
रहमान मलिक ने इससे पहले किए गए एक ट्वीट में राहुल गांधी को सलाह भी दी, कि 'राहुल राफेल डील का मुद्दा ठीक से उठाएंगे तो अगले पीएम बन जाएंगे।'
इससे पहले पाकिस्तान के वर्तमान सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने भी राहुल गांधी के दो ट्वीट्स को रिट्वीट किया और इसे आधार बनाकर भारत सरकार पर हमला किया।
यह पाकिस्तानी राजनेता भले ही कांग्रेस के वोटर नहीं हों। लेकिन राहुल गांधी को भारत का प्रधानमंत्री बनाने के लिए वह जितने बेचैन हैं। वह आश्चर्य में डालने वाली है।
यह सिलसिला कोई नया नहीं है। इससे पहले भी पाकिस्तान और चीन का कांग्रेस प्रेम रह रहकर उभरता रहा है।
- मई 2014 में केन्द्र में नई सरकार बनने के कुछ ही महीनों बाद वरिष्ठ कांग्रेसी नेता मणिशंकर अय्यर ने पाकिस्तान जाकर प्रधानमंत्री मोदी को हटाने में मदद मांगी थी।
- इसी साल पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने पाकिस्तान जाकर भारतीय फौजियों की हत्या करवाने वाले जनरल बाजवा को गले लगाया था।
- अप्रैल 2017 को वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सैफुद्दीन सोज ने कश्मीर समस्या के लिए पाकिस्तान नहीं बल्कि भारत को जिम्मेदार ठहराया था।
- गुजरात चुनाव के दौरान पाकिस्तानी सेना के पूर्व महानिदेशक सरदार अरशद रफीक ने कांग्रेस नेता अहमद पटेल को मुख्यमंत्री बनवाने के लिए अपील की थी। इस बारे में खुद प्रधानमंत्री मोदी ने संज्ञान लिया था।
- 15 अगस्त 2017 को जब प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान द्वारा बलूचिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में मानवाधिकार हनन और उन्हें अधिकार दिलाने की बात कही, तो कांग्रेस नेता और पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद को बेहद बुरा लगा। उन्होंने प्रधानमंत्री को इन मुद्दों से परहेज करने की नसीहत भी दे डाली।
- साल 2017 में ही जब भारत और चीन के बीच डोकलाम में विवाद चल रहा था, तो राहुल गांधी ने रात के अंधेरे में चीनी राजदूत से मुलाकात की थी। कांग्रेस ने इस बारे मे जानकारी छुपाने की कोशिश भी की। लेकिन बाद में मामला खुल गया और इस मुलाकात की फोटो भी सामने आ गई।
- हाल ही में जब राहुल गांधी जब मानसरोवर यात्रा पर गए थे, तो चीनी दूतावास ने भारतीय विदेश मंत्रालय से आग्रह किया था, कि उन्हें औपचारिक रुप से विदा करने की अनुमति दी जाए।
- भारतीय उद्योगपतियों के साथ हुई एक बैठक में राहुल गांधी ने उन्हें चीन से भी निवेश मंगाने की सलाह दी थी।
- राहुल गांधी जब जर्मनी के दौरे पर गए थे, तो उनसे भारतीय उपमहाद्वीप में सत्ता संतुलन के बारे में प्रश्न किया गया, तो उन्होंने अमेरिका के साथ चीन से भी संबंधों में संतुलन बनाकर रखने की वकालत की।
- साल 2008 में बीजिंग ओलंपिक के समय तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ उनके पूरे परिवार को चीन ने विशेष रुप से निमंत्रित किया था।
कांग्रेस नेताओं और गांधी परिवार से चीन और पाकिस्तान की नजदीकी की कहानियां अनगिनत हैं।
लेकिन मूल मुद्दा अब भी अनसुलझा है, कि भारतीय जनमानस में इन दोनों शत्रु देशों के प्रति जो घृणा है, कांग्रेस उसे पहचानती नहीं, यह मानना तो संभव ही नहीं है। कांग्रेसी नेता जानते हैं, कि उनकी पाकिस्तान और चीन परस्ती को भारत की जनता अच्छी नजरों से नहीं देखेगी। यही वजह है कि चीन से किसी भी मुलाकात को गुप्त रखने की कोशिश की जाती है और पाकिस्तानी नेताओं के समर्थन के बयान के जवाब में दिखावे के लिए ही सही लेकिन विरोधी बयान जरुर जारी किया जाता है।
लेकिन इन सबके बावजूद शत्रुता निभाने वाले इन दोनों देशों से कांग्रेस अपने संबंध खत्म नहीं कर पाती। आखिर क्या कहलाता है ये रिश्ता.....