वीरभद्र सिंह लोकसभा चुनाव नहीं लड़े थे। लेकिन चुनाव में उनकी प्रतिष्ठा दांव पर थी। लेकिन बीजेपी की आंधी में कांग्रेस का एक भी प्रत्याशी चुनाव में नहीं जीता। राज्य की पांचों लोकसभा सीट पर बीजेपी ने बाजी मारी थी।
पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश के पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह ने अपनी आगामी राजनीति के लिए बड़ा बयान दिया है। राज्य में कांग्रेस का पर्याय बन चुके और छह बार सीएम रह चुके वीरभद्र सिंह ने साफ कहा कि वह अब सातवीं बार सीएम नहीं बनना चाहते हैं। असल में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को राज्य में एक भी सीट नहीं मिली है। जबकि विधानसभा चुनाव में अभी तीन साल से ज्यादा का वक्त है।
असल में वीरभद्र सिंह प्रदेश में कांग्रेस के सबसे दिग्गज नेताओं में माने जाते हैं। लेकिन राज्य में लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद वीरभद्र सिंह ने जो बड़ी बात कह दी वह कांग्रेसियों को हजम नहीं हो रही है। क्योंकि राज्य में कांग्रेस को खड़ा करने में वीरभद्र सिंह की बड़ी भूमिका रही है। लेकिन लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद अब वीरभद्र सिंह ने कह दिया है कि वह सातंवी बार राज्य के सीएम नहीं बनना चाहते हैं।
कांग्रेस राज्य में हुए विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी से हारी थी। हालांकि वीरभद्र सिंह ने कहा कि कांग्रेस का पुनर्गठन करना जरूरी है और पुराने नेताओं को नए नेताओं का मार्गदर्शन करना चाहिए। हालांकि उन्होंने कहा कि राजनैतिक जीवन में हार जीत होती रहती है और कार्यकर्ताओं को हिम्मत नहीं हारनी चाहिए बल्कि फिर से मैदान में उतरने की तैयारी करनी चाहिए। वीरभद्र सिंह लोकसभा चुनाव नहीं लड़े थे। लेकिन चुनाव में उनकी प्रतिष्ठा दांव पर थी।
लेकिन बीजेपी की आंधी में कांग्रेस का एक भी प्रत्याशी चुनाव में नहीं जीता। राज्य की पांचों लोकसभा सीट पर बीजेपी ने बाजी मारी थी। हालांकि वीरभद्र सिंह पर कई मामले भी चल रहे हैं। जिसकी जांच सीबीआई ने की थी। हालांकि वीरभद्र सिंह के इस बयान के बाद इसके राजनैतिक मायने निकाले जाने लगे हैं। क्योंकि वीरभद्र सिंह पिछले तीन दशक से हिमाचल की राजनीति में कांग्रेस का झंडा थामे हुए हैं। फिलहाल राज्य में विधानसभा चुनाव में अभी करीब तीन साल का समय है।
Last Updated Jun 24, 2019, 10:39 PM IST