लखनऊ। उत्तर प्रदेश के कानपुर मुठभेड़ में डीएसपी सहित 8 पुलिसकर्मी की हत्या का मुख्य आरोपी का हत्यारा विकास दुबे मध्य प्रदेश के उज्जैन के महाकाल के मंदिर से गिरफ्तार कर लिया गया है। लेकिन विकास दूबे की गिरफ्तार के साथ ही राज्य के सियासी दलों ने सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। राज्य में पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने विकास दूबे की गिरफ्तारी पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार इस बारे सच्चाई बतानी चाहिए कि ये आत्मसमर्पण है या गिरफ्तारी। 

अखिलेश यादव पहले सवाल उठा रहे थे कि विकास दूबे को सरकार गिरफ्तार नहीं कर पा रही है और अब गिरफ्तारी को लेकर सपा प्रमुख सवाल उठा रहे हैं। अखिलेश यादव ने ट्विट किया है कि खबर आ रही है कि ''कानपुर-कांड'' का मुख्य अपराधी पुलिस की हिरासत में है। अगर ये सच है तो सरकार साफ करना चाहिए कि ये आत्मसमर्पण है या गिरफ्तारी। साथ ही उसकी मोबाइल की सीडीआर को सार्वजनिक करना चाहिए। गौरतलब है कि विकास दुबे को मध्य प्रदेश पुलिस ने महाकाल मंदिर के भीतर से गिरफ्तार किया है और इसकी जानकारी पुलिस को मंदिर के गार्ड ने दी थी। 

उधर विकास दूबे के अखिलेश यादव सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे शिव कुमार बेरिया और सपा विधायक सतीश निगम के साथ करीबी संबंध बताए जा रहे हैं। ये भी कहा जा रहा कि दूबे की पत्नी सपा की सक्रिय सदस्य है। हालांकि अभी तक इस बारे में किसी ने आधिकारिक तौर पर बयान नहीं दिया है। सपा के इन दोनों के अलावा विकास दूबे सपा सरकार के अन्य मंत्रियों के साथ भी जुड़ा था और उनकी सरपरस्ती में घूमता था।

विकास दुबे मंदिर के अंदर जाकर सरेंडर करने के फिराक में था और उससे पहले एमपी पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। हालांकि अभी तक पुलिस ने सरेंडर या गिरफ्तारी को लेकर कोई अधिकारिक बयान नहीं दिया है। वहीं राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कानपुर की घटना के बाद  सरकार ने राज्य की पुलिस को अलर्ट कर रखा था। लिहाजा उसे उज्जैन के महाकाल मंदिर से गिरफ्तार कर लिया गया।

वहीं बिहार पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडे का कहना है कि विकास दूबे आत्मसमर्पण नहीं कर सकता। क्योंकि दिल्ली, हरियाणा उसके लिए ज्यादा सुरक्षित था। लेकिन ये मध्य प्रदेश की कामयाबी है। वहीं मध्य प्रदेश के सीएम  शिवराज सिंह चौहान ने कहा उन्होंने विकास दुबे की गिरफ्तारी पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से बात की है और जल्द ही आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी और मध्यप्रदेश पुलिस उसे उत्तर प्रदेश पुलिस को सौंपेगी।