नई दिल्ली। बिहार में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने कमर कस ली है। भाजपा राज्य में जनता दल यूनाइेटड के साथ सत्ता में हैं और एक बार फिर उसके साथ चुनान लड़ने की तैयारी हैं। हालांकि भाजपा पहले ही साफ कर चुकी है कि चुनाव नीतीश कुमार की अगुवाई में लड़े जाएंगे। लेकिन अभी तक भाजपा ने इसका ऐलान नहीं किया है। वहीं अब भाजपा के चाणक्य अमित शाह  9 जून को फेसबुक लाइव के जरिए 1 लाख लोगों को संबोधित करेंगे। लिहाजा माना जा रहा है कि विपक्ष को झटका देने के लिए अमित शाह नीतीश कुमार को राज्य में सीएम का चेहरा ऐलान कर सकते हैं।

असल में भाजपा और जदयू विपक्षी दलों के बिखराव का फायदा उठाना चाहती है। राज्य में अभी तक विपक्षी दल एकजुट नहीं हो पाए है। राज्य में सबसे बड़ा विपक्षी दल चाहता है कि राज्य में चुनाव उसकी अगुवाई में लड़े जाएं उसके नेता तेजस्वी यादव राज्य में विपक्षी दलों का चेहरा बने। हालांकि राजद ने तेजस्वी को सीएम का फेस राज्य में घोषित कर दिया है। लेकिन विपक्षी दल तेजस्वी के नाम पर सहमत नहीं है। खासतौर से हिंदुस्तानी आवाम पार्टी यानी हम के मुखिया जीतनराम मांझी तेजस्वी के नाम को लेकर असहज हैं।

वहीं भाजपा विपक्षी को मात देना चाहती है।  लोकसभा 2019 के चुनाव में भाजपा और जदूय ने जबरदस्त प्रदर्शन किया था और राज्य की 40 में से 39 सीटें अपने नाम की थी। लिहाजा पार्टी इसी प्रदर्शन को बिहार में दोहराना चाहती है। फिलहाल भाजपा ने बिहार के लिए अपनी रणनीति तैयार कर ली है। राज्य में हर विधानसभा क्षेत्र के पर्यवेक्षक नियुक्त कर दिए गए हैं। जो पार्टी के प्रत्याशियों के नाम का फीडबैक पार्टी आलाकमान को भेजेंगे वहीं चुनाव में पूरी तरह से विधानसभा में सक्रिय रहेंगे।

फिलहाल अमित शाह दक्षिण बिहार में सभी प्रमुख नेताओं से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात करेंगे वहीं राज्य में सत्ता में सहयोगी जदयू भी इस उम्मीद है कि अमित शाह 9 जून की वर्चुअल रैली में सार्वजनिक घोषणा करें। फिलहाल राज्य के सभी राजनीतिक दल तय समय पर ही बिहार विधान सभा के चुनाव कराना चाहते हैं।