जयपुर। राज्य में चल रहे सियासी उठापटक के बीच कांग्रेस पार्टी ने सरकार को बचाने के लिए विधायक दल की बैठक फिर बुलाई है। राज्य में पार्टी के दो दिग्गज नेता सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच तकरार खुलकर सामने आ गई है और दोनों के अपने दावे हैं। लिहाजा राज्य में अशोक गहलोत सरकार बचाने कोलगातार दूसरे दिन कांग्रेस ने विधायक दल की बैठक बुलाई है। इस बैठक में बागी सचिन पायलट को भी आमंत्रित किया है, लेकिन उन्होंने इसमें शामिल होने से साफ इनकार कर दिया है। 

असल में कांग्रेस विधायकों की बैठक बुलाकर संख्याबल जुटाना चाहती है। क्योंकि कई विधायक कल की बैठक में नहीं पहुंचे थे। वहीं सोमवार को सचिन पायलट के खुलकर बागी तेवर अपनाने के बाद कांग्रेस ने जयपुर में विधायक दल की बैठक बुलाई थी, ताकि विधायकों की संख्या देखी जा सके। क्योंकि सचिन पायलट का दावा है कि उनके साथ 30 विधायकों का समर्थन है। हालांकि कांग्रेस की इस बैठक में पायलट और उनके समर्थक विधायक नहीं पहुंचे थे।

हालांकि इस बैठक में शामिल विधायकों ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व में आस्था जताई और अपना समर्थन दिया है। लेकिन कांग्रेस डरी हुई है। क्योंकि पायलट समर्थकों का कहना है कि कल की बैठक में उनके विधायक भी शामिल हुए थे जो सदन में बहुमत के वक्त सरकार से समर्थन वापस लेंगे। वहीं राज्य की अशोक गहलोत सरकार विधायकों और निर्दलीय विधायकों के समर्थन को लेकर आश्वस्त नहीं है।

हालांकि कांग्रेस ने दावा किया कि गहलोत सरकार को 109 विधायकों ने अपना समर्थन दिया है। लेकिन सभी विधायकों को एकजुट रखने के लिए कांग्रेस ने सभी विधायकों को बस से जयपुर के फेयर मॉन्ट होटल भेज दिया गया। ताकि अन्य विधायक न टूट सकें। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने सोमवार को कहा कि मंगलवार सुबह 10 बजे कांग्रेस विधायक दल की एक और बैठक होगी और इसके बाद आगे की रणनीति तैयार की जाएगी।

उन्होंने कहा कि हम सचिन पायलट, सभी विधायक साथियों को इस बैठक में शामिल होने के लिए गुजारिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह जयपुर आएं और राजनीतिक स्थिति पर चर्चा करें। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व सोनिया गांधी एवं राहुल गांधी उनकी बात को सुनने को तैयार हैं।