रहमान पहले से ही कह रहे हैं कि इमरान खान या तो देश में अगले तीन महीने में चुनाव कराएं या फिर इस्तीफा दें। लेकिन इन दोनों शर्तों पर इमरान खान ने किसी भी तरह की रजामंदी नहीं दी है। लेकिन रहमान अपनी जिद पर अड़े हुए हैं। अभी तक रहमान की पार्टी और विपक्षी दलों ने महज इस्लामाबाद को ही घेर कर रखा था।
नई दिल्ली। पाकिस्तान में विपक्षी दल जमीयत उलेमाए इस्लाम-एफ का राजधानी इस्लामाबाद में आजादी मार्च खत्म हो गया है। लेकिन अब जेयूआई-एफ के मुखिया मौलाना फजलुर रहमानमौलाना फजलुर रहमान ने पाकिस्तान में इमरान खान सरकार के खिलाफ अपना प्लान बी शुरू करने का ऐलान कर दिया है। इस प्लान के तहत पूरे देश को बंद किया जाएगा। जिससे इमरान खान सरकार की जड़े हिल जाएंगी और वह खुद इस्तीफा दे देंगे।
रहमान पहले से ही कह रहे हैं कि इमरान खान या तो देश में अगले तीन महीने में चुनाव कराएं या फिर इस्तीफा दें। लेकिन इन दोनों शर्तों पर इमरान खान ने किसी भी तरह की रजामंदी नहीं दी है। लेकिन रहमान अपनी जिद पर अड़े हुए हैं। अभी तक रहमान की पार्टी और विपक्षी दलों ने महज इस्लामाबाद को ही घेर कर रखा था। जिसके कारण आम लोगों को जबरदस्त दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। लेकिन रहमान की शर्तों को न मानकर इमरान खान पर नई मुसीबत आने वाली है।
क्योंकि रहमान की पार्टी अब पूरे देश को बंद करने की योजना बना रही है। इसके तहत देश के सभी मुख्य मार्ग और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को बंद कर दिया जाएगा। जिसके कारण पाकिस्तान में जनता को दिक्कतें होगी और वह रहमान का साथ देंगे। हालांकि पिछले दिनों सेना ने भी इस मामले में इमरान खान का साथ देने के लिए मना कर दिया था। क्योंकि सेना को लग रहा है कि पाकिस्तान में इमरान खान के खिलाफ माहौल बन रहा है। अगर ऐसा ही रहा तो आने वाले दिनों में आपातकाल लागू हो जाएगा और पाकिस्तान की सत्ता सेना के हाथ में आ जाएगी। हालांकि पाकिस्तान में सेना के हाथ में सत्ता का आना कोई नई बात नहीं है। लिहाजा सेना भी इमरान से दूरी बनाकर रख रही है।
फिलहाल रहमान की पार्टी ने बलूचिस्तान के महत्वपूर्ण क्वेट-चमन राजमार्ग में भी प्रदर्शन किया है। फिलहाल बुधवार को ही जेयूआई-एफ की केंद्रीय कार्यसमिति की बैठक में इस्लामाबाद में धरने को समाप्त कर 'प्लान बी' को पूरे देश में लागू करने की बात कही गई। रहमान की पार्टी ने 27 अक्टूबर से आजादी मार्च निकाला था और पार्टी के कार्यकर्ता पिछलले 14 दिन से राजधानी इस्लामाबाद में धरने पर डटे हुए थे। जिसको लेकर इमरान खान की हालत खराब थी और इस मार्च को खत्म करने के लिए सरकार के प्रतिनिधियों ने कई बार रहमान की पार्टी के नेताओं से मुलाकात की। लेकिन कोई परिणाम नहीं निकला।
Last Updated Nov 14, 2019, 10:44 AM IST