नई दिल्ली। कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश के लिए बनाई गई सात समितियों में राज्य के नेता और राहुल गांधी के करीबी माने जाने वाले जतिन प्रसाद को जगह नहीं दी। जतिन के साथ ही कांग्रेस में पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर को भी जगह नहीं मिली है। जतिन प्रसाद उन नेताओं में शामिल थे, जिन्होंने पार्टी में लोकतंत्र की बहाली के लिए सोनिया गांधी चिट्ठी लिखी थी। फिलहाल पार्टी में उपेक्षित चल रहे जतिन प्रसाद को कांग्रेस नेतृत्व ने फिर नाराज किया है जबकि पिछले साल लोकसभा चुनाव से पहले जतिन प्रसाद का भाजपा में जाना तय हो गया था।

माना जा रहा है कि जतिन प्रसाद को समिति में शामिल न करने के पीछे उनका गांधी परिवार के प्रति बागी होना है। जतिन प्रसाद कांग्रेस के उन नेताओं में से हैं जिन्होंने सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी थी। असल में पिछले साल ही जतिन प्रसाद की लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा से डील हो गई थी। लेकिन ऐन वक्त पर कांग्रेस ने जतिन प्रसाद को राज्य में बड़ा पद और राज्यसभा भेजने का आश्वासन दिया था। लेकिन उसके बाद से ही जतिन प्रसाद पार्टी में हाशिए पर चल रहे हैं।

वहीं पार्टी आलाकमान ने वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद और पीएल पुनिया को घोषणापत्र समिति में शामिल किया है। वहीं पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष निर्मल खत्री और नसीब पठान को भी जगह मिली है। पार्टी उत्तर प्रदेश में पैर जमाना चाहती है और इसके लिए अभी से तैयारियों में जुट गई है। राज्य में 2022 को विधानसभा चुनाव होने हैं और इसके लिए पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी ने अपने करीबी लोगों की समिति बनाई है। प्रियंगा गांधी के नेतृत्व में 7 समितियों की घोषणा की गई है और इसमें प्रमोद तिवारी, राजेश मिश्रा को जगह मिली है। इन दोनों नेताओं को राज्य में ब्राह्मण चेहरा माना जाता है। वहीं पार्टी ने अनुग्रह नारायण सिंह, पूर्व सांसद राशिद अलवी को इसमें जगह दी है।