नई दिल्ली: दरअसल कांग्रेसी मुख्यमंत्रियों के इस्तीफे की खबर तब ज्यादा जोर शोर से उड़ी, जब बैठक के बाद बाहर निकले अशोक गहलोत से पत्रकारों ने इस्तीफे पर सवाल किया। 

जिसपर गहलोत ने जवाब दिया कि 'इस्तीफे की पेशकश आज क्या की, जिस दिन चुनाव के परिकांणाम आए थे, उस दिन इस्तीफे की पेशकश ही होती है। चुनी हुई सरकारों को स्टेबल रखना ही होता है। चुनाव के बाद हाईकमान फैसला करता है कि आगे हमें कैसे काम करना है। पूरी वर्किंग कमिटी ने राहुल गांधी को अधिकृत किया है कि वह जो चाहें फैसला करें, पुनर्गठन करें, रिप्लेसमेंट करें, कुछ भी करें और यह फैसला 25 जून को ही हो चुका है।'

गहलोत ने आगे कहा कि 'राहुल गांधी को आज हमने कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भावनाओं से अवगत कराया। हमने 2 घंटे तक बातचीत की। हम सभी ने कहा कि चुनाव में हार-जीत होती रहती है, पहले भी हुई है। उन्होंने हमारी बात को ध्यान से सुना है। हमने अपनी बात दिल से कही है। हम उम्मीद करते हैं कि वह हमारी बातों पर गौर करेंगे और समय आने पर फैसला करेंगे।' 

गहलोत ने कहा कि 'हमने अपनी भावना बता दी। खुलकर और दिल से बातचीत हुई है। गहलोत ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि राहुल गांधी ने चुनाव में मुद्दों पर बात की थी जबकि दूसरे पक्ष ने देशभक्ति के नाम पर देश को गुमराह किया। उन्होंने सेना के पीछे छिपकर राजनीति की'। 

दरअसल राहुल गांधी के इस्तीफे की पेशकश के बाद कांग्रेस पार्टी में इस्तीफों की झड़ी लग गई है। ऐसे में सबकी नजर कांग्रेस  के दो बड़े प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों गहलोत और कमलनाथ पर है। गहलोत ने राहुल गांधी से मुलाकात के बाद जिस लहजे में बयान जारी किया है, उससे तो लगता है कि इन दोनों पर भी इस्तीफे का भारी दबाव है। क्योंकि उन्होंने इस्तीफे की खबरों से इनकार भी नहीं किया।