राज्य में टिकट चाहने वाले नेता अपनी-अपनी पार्टी में जोर अजमाइश कर रह हैं । वहीं सियासी दल भी गठबंधन बदलने को तैयार हैं। राज्य में चर्चा है कि महागठबंधन के नेता और रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुश्वाहा महागठबंधन को छोड़कर एनडीए में शामिल हो सकते हैं।
पटना। बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीख के ऐलान के साथ ही राज्य में सियासी हलचलें तेज हो गई हैं। राज्य के सियासी दल भी अपनी ठौर खोजने में लगे हुए है। वहीं महागठबंधन से हम के चले जाने के बाद रालोसपा राजद और कांग्रेस से नाराज बताइ जा रही है। बताया जा रहा है कि सीटों के बंटवारे को लेकर रालोसपा नेता उपेन्द्र कुशवाहा नाराज हैं। वहींअभी तक महागठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर फैसला नहीं हो सका है और राजद अन्य सहयोगी दलों को ज्यादा सीटें देने के पक्ष में नहीं हैं। लिहाजा माना जा रहा है कि आने वाले समय में महागठबंधन में फिर फूट पड़ सकती है।
राज्य में टिकट चाहने वाले नेता अपनी-अपनी पार्टी में जोर अजमाइश कर रह हैं । वहीं सियासी दल भी गठबंधन बदलने को तैयार हैं। राज्य में चर्चा है कि महागठबंधन के नेता और रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुश्वाहा महागठबंधन को छोड़कर एनडीए में शामिल हो सकते हैं। हालांकि अभी तक इस पर कोई खुलकर बोलने को तैयार नहीं है और वहीं जब इस बारे में नीतीश कुमार से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि इस बारे में उनके पास कोई जानकारी नहीं हैं। जबकि कुछ दिन पहले ही हम नेता जीतन राम मांझी महागठबंधन से अलग होकर एनडीए का हिस्सा बने हैं।
लिहाजा चर्चा है कि रालोसपा में महागठबंधन से नाराज है। खासतौर से राजद नेता तेजस्वी यादव को जो अभी तक सीटों के बंटवारे को लेकर बैठक भी नहीं बुला सकें है। वहीं पिछले दिनों रालोसपा नेता दिल्ली पहुंचे थे। ताकि सीटों का बंटवारा हो सके। लेकिन कांग्रेस और राजद ने सहयोगी दलों को तवज्जो नहीं दी। जिसके बाद रालोसपा कांग्रेस और राजद से नाराज बताइ जा रही है। फिलहाल राज्य में चुनावों की तारीखों का ऐलान हो चुका है और सभी दल सीटों का बंटवारा चाहते हैं ताकि अपने अपने प्रत्याशियों के नामों को तय किया जा सके।
Last Updated Sep 26, 2020, 11:58 AM IST