भोपाल। मध्य प्रदेश में हो रहे विधानसभा के उप-चुनाव के दौरान ग्वालियर-चंबल इलाके में हिंसा को रोकना बड़ी चुनौती है। इसी के मद्देनजर भिंड जिले में दंगा निरोधी हथियारों का इस्तेमाल किया जाने वाला है। वैसे भी राज्य में भिंड और मुरैना दो ऐसे जिले हैं जहां हिंसा की घटनाएं प्रशासन के लिए मुसीबत का कारण रहती हैं। चुनाव के दौरान तो यह और बढ़ने की आशंका रहती है। इस इलाके की संवेदनशीलता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि आमतौर पर वेबकास्टिंग पांच प्रतिशत मतदान केंद्रो पर कराई जाती है, मगर इस चुनाव में यह आंकड़ा 15 फीसदी है। मुरैना और भिंड में कुल सात सीटों पर विधानसभा के उपचुनाव हो रहे हैं।

भिंड जिले में गोहद और मेहगांव विधानसभा क्षेत्रों में उप चुनाव हो रहे हैं। यहां हिंसा न हो इसके लिए प्रशासन ने दंगा निरोधी हथियारों के इस्तेमाल का फैसला लिया है। इसके लिए पुलिस जवानों को प्रशिक्षित भी किया जा रहा है। सुरक्षाबलों के पास मिर्ची वाला स्प्रे तो होगा ही साथ में स्टेन गन से बिजली का करंट भी दिया जाएगा। यह पहला मौका है जब यहां दंगा निरोधी हथियारों का इस्तेमाल किया जा रहा है। पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह ने बताया है कि मतदान को शांतिपूर्वक संपन्न कराने के लिए सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए जा रहे हैं। इसी के तहत सुरक्षा बलों द्वारा मिर्ची स्प्रे का उपयोग किया जाएगा और स्टेन गन से बिजली का करंट छोडा जाएगा, जिससे जमा भीड़ को बिजली के करंट का एहसास होगा। इन स्टेन गनों से 50 से 60 वोल्ट का करंट निकलेगा।

पुलिस अधीक्षक सिंह ने आगे बताया कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस की ओर से सारे सख्त कदम उठाए जाएंगे और उसी के तहत दंगा निरोधी हथियारों का इस्तेमाल किया जाना है। भिंड की सीमाएं उत्तर प्रदेश से लगी हुई है, इसलिए आपराधिक गतिविधियां बढ़ने की आशंका चुनाव के दौरान बनी हुई है। इस बार उप-चुनाव के दौरान किसी तरह की हिंसा न हो इसके मददेनजर जिलाधिकारी वीरेंद्र सिंह रावत ने उत्तर प्रदेश से आने वालों पर खास नजर रखने को कहा है। इसके साथ ही एक नवंबर से तीन नवंबर तक जिले में बाहरी लोगों का आवागमन पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा।