लंबे समय से बीमार चल रहे गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने सोमवार को कहा कि मानव मस्तिष्क किसी भी बीमारी का इलाज खोज सकता है। पर्रिकर ने यह संदेश सोमवार को विश्व कैंसर दिवस पर दिया।

पर्रिकर (63) अग्न्याशय संबंधी बीमारी से पीड़ित हैं और फिलहाल नई दिल्ली में एम्स में भर्ती हैं। पर्रिकर ने सोमवार को ट्वीट किया, 'मानव मस्तिष्क किसी भी बीमारी का तोड़ खोज सकता है।’

गोवा के मुख्यमंत्री फरवरी 2018 से ही अग्न्याशय संबंधी बीमारी से पीड़ित हैं। तब से वह दिल्ली, न्यूयॉर्क, मुंबई और गोवा के अस्पतालों में इलाज करा चुके हैं। एम्स के सूत्रों ने शनिवार को बताया कि उनकी हालत स्थिर है।

अपनी गंभीर बीमारी के बावजूद लगातार काम कर रहे पर्रिकर पर कांग्रेस की ओर से निशाना साधा जा रहा है। कुछ दिन पहले पर्रिकर ने बजट पेश किया था। पर्रिकर के स्वास्थ्य पर टिप्पणी करते हुए कांग्रेस नेता रेगिनाल्डो लॉरेन्सो ने कहा था कि या तो पर्रिकर को सम्मानपूर्वक इस्तीफा दे देना चाहिए या फिर किसी और को कार्यभार सौंप देना चाहिए। 

लॉरेन्सो ने कहा, 'मनोहर पर्रिकर को या तो सम्मानपूर्वक इस्तीफा दे देना चाहिए या फिर किसी और को कार्यभार सौंप देना चाहिए। मैं यहां शर्ते नहीं बता रहा हूं, उनकी पार्टी को उनक लिए शर्तें तय करनी चाहिए। लेकिन उन्हें नाक में पाइप डालकर विधानसभा में नहीं आना चाहिए। चीजें आपकी जेब से बाहर आती रहती हैं, यह आपको शोभा नहीं देता है।'

इससे पहले भी उन पर लगातार हमले किए गए। गोवा में मांडवी नदी पर 5.1 किलोमीटर लंबे पुल का उद्घाटन करते हुए पर्रिकर ने अपने भाषण की शुरुआत फिल्म 'उरी : द सर्जिकल स्ट्राइक' की पंचलाइन 'हाउ इज द जोश?' से की थी। वहां उपस्थित लोगों ने इसका जवाब 'हाई सर' से दिया। इस पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गिरीश चोडानकर ने तंज कसते हुए कहा, 'पहले आप अपने होश में आइए और उसके बाद जोश के बारे में बात करिए।'

पर्रिकर ने इसका जवाब बजट भाषण के दौरान दिया। उन्होंने कहा कि उनका 'जोश' हाई है और वह पूरे 'होश' में भी हैं। अपनी अंतिम सांस तक गोवा की सेवा करते रहेंगे।