बेंगलुरू। कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी की सरकार राज्य में करीब दो हजार से ज्यादा हिंदू युवाओं से मुकदमें वापस लेने की तैयारी में है। इन युवाओं पर राज्य की पूर्व कांग्रेस सरकार ने केस दर्ज कर दिए थे। फिलहाल राज्य सरकार इसके लिए मंथन कर रही है। हालांकि इससे पहले येदियुरप्पा सरकार राज्य में टीपू सुल्तान की जयंती के सरकारी कार्यक्रमों को रद्द कर चुकी है।

फिलहाल राज्य के 8 दिसंबर 2017 को उत्तर कन्नड़ में उपजी हिंसा के संबंध में करीब 2 हजार युवाओं से आईपीसी और आईटी एक्ट के मुकदमें वापस लेने की मांग की है। इन युवाओं पर राज्य की पूर्व कांग्रेस सरकार ने मुकदमें दर्ज किए थे।

 भाजपा विधायक रुपाली एस नायक ने सीएम येदियुरप्पा को चिट्ठी लिखकर पार्टी कार्यकर्ताओं से कांग्रेस सरकार द्वारा दर्ज किए गए मुकदमें लेने के लिए लिखा है। हालांकि इसके लिए राज्य सरकार को कैबिनेट में प्रस्ताव लाना पड़ेगा।

लेकिन माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री येदियुरप्पा इसके लिए सैद्धांतिक तौर से सहमत हैं। राज्य उत्तर कन्नड़ जिले में हुए हिंसक प्रदर्शनों में भाजपा के दो हजार से ज्यादा कार्यकर्ताओं पर पूर्व की कांग्रेस सरकार ने मुकदमें दर्ज किए थे। 

2 हजार युवाओं के खिलाफ दर्ज हुए थे मामले 

असल में तत्कालीन कांग्रेस सरकार के दौरान 8 दिसंबर 2017 को होन्नावर में एक शव के बाद उपजी हिंसा में पार्टी के करीब 2 हजार युवाओं पर आईपीसी और आईटी एक्ट के मामले दर्ज किए गए थे। पार्टी का दावा है कि जिस व्यक्ति परेश का शव मिला था वह भाजपा का कार्यकर्ता था और उसकी हत्या में विरोधी पार्टी के लोग शामिल थे।

हालांकि राज्य में होते विरोध प्रदर्शनों के बाद कांग्रेस सरकार ने इसम मामले को सीबीआई को सौंप दिया था। विधानसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने परेश के घर पर उनके पिता से मुलाकात की थी। गौरतलब है कि मंगलवार को येदियुरप्पा सरकार ने टीपू जयंती के सरकारी कार्यक्रमों को रद्द करने का ऐलान किया है।