प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधा है। योगी ने कहा कि लोग जनेऊ दिखाकर भटकाने का प्रयास कर रहे हैं और ये कोशिशें सफल नहीं होगी। उन्होंने कहा कि राम का मंदिर कोई नहीं कराएगा, हम ही उसका निर्माण करेंगे।

इससे पहले भी योगी राहुल गांधी पर जनेऊ और गोत्र को लेकर निशाना साध चुके हैं। आज लखनऊ में आयोजित 'युवा कुंभ 2018-विचार नए भारत का' के कार्यक्रम में योगी में राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि राम मंदिर निर्माण हम ही करेंगे और दूसरा कोई नहीं कराएगा। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों द्वारा जनेऊ दिखाकर भटकाने का प्रयास किया जा रहा है। योगी ने कहा कि प्रयागराज का इतिहास हजारों हजार साल पुराना है और राज्य सरकार ने भारद्वाज ऋषि आश्रम का पुनरुद्धार कराया है और किसी भी सरकार ने नहीं कराया। 

आदित्यनाथ ने ऐलान किया है कि प्रयागराज में अकबर के किले के अंदर स्थित सरस्वती कूप लोगों के दर्शन के लिए खोला जाएगा। वहां पर एक सरस्वती प्रतिमा स्थापित की जाएगी। उनकी प्रतिमा के साथ भारद्वाज ऋषि की प्रतिमा भी लगेगी। माना जा रहा है कि सरस्वती कूप 435 वर्षों से अकबर किले में बंद है और अब यह चार शताब्दी के बाद खोला जाएगा। हाल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अकबर किले में स्थित अक्षयवट के भी दर्शन किए थे। अब योगी सरकार आम जनता के लिए अकबर किले के दरवाजों को खोलेगी ताकि आम जनता भी अक्षयवट के दर्शन कर सके।

योगी ने कुंभ में सफाई व्यवस्था का जिक्र करते हुए दावा किया इस बार ऐसे इंतजाम कराए हैं कि स्वच्छता के प्रतीक कुंभ के दौरान एक मक्खी भी नजर नहीं आएगी। भारत की आजादी के बाद यह पहला कुंभ होगा,  जिसमें गंगा का शुद्ध जल सभी श्रद्धालुओं को मिलेगा। इस कुंभ में 12 से 15 करोड़ लोग आएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि  राम नगरी अयोध्या में समरसता कुंभ का आयोजन सम्पन्न हुआ और आज प्रदेश की राजधानी में चौथा वैचारिक कुंभ 'युवा कुंभ' के रूप में आयोजित हो रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले डेढ़ वर्ष के दौरान प्रदेश की वर्तमान सरकार और साढ़े चार वर्ष के कार्यकाल में केंद्र सरकार ने जो कार्यक्रम संचालित किए, उसमें युवाओं को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिल रहा है। प्रदेश के अंदर स्किल डेवलपमेंट कार्यक्रम के तहत 5 लाख से अधिक युवाओं को स्वावलंबन की ओर अग्रसर करने का महत्वपूर्ण कार्य किया गया है। उन्होंने कहा, 'कुंभ को युवा विरोधी भी बताया गया है इसलिए लखनऊ में वैचारिक कुंभ का आयोजन किया गया है. साढ़े चार सौ साल बाद कुंभ में सरस्वती कुंड और अक्षयवट का लोग दर्शन कर पाएंगे।