लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सावन के बाद कभी भी अपने कैबिनेट का विस्तार कर सकते हैं। हालांकि पार्टी आलाकमान ने भी कैबिनेट विस्तार के लिए अपनी मंजूरी दे दी है। लिहाजा ऐसा माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री इसी महीने कैबिनेट का विस्तार करेंगे।

राज्य में कैबिनेट का विस्तार काफी समय से अटका हुआ है। राज्य में तीन कैबिनेट मंत्रियों के सांसद बनने और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर को कैबिनेट से हटाने के बाद चार मंत्रियों के पद खाली चल रहे हैं। रीता बहुगुणा जोशी, सत्यदेव पचौरी और एसपी बघेल के सांसद बन जाने के बाद ये पद रिक्त हुए हैं।

वहीं स्वतंत्र देव सिंह के प्रदेश अध्यक्ष बन जाने के बाद एक राज्यमंत्री(स्वतंत्र प्रभार) का भी पद खाली होना है। क्योंकि पार्टी में एक व्यक्ति एक पद का सिद्धांत लागू होना है। इस के चलते सिंह को मंत्री का पद छोड़ना पड़ेगा।

फिलहाल मुख्यमंत्री समेत अब मंत्रिमंडल में 43 सदस्य ही बचे हैं। लिहाजा अभी आधा दर्जन लोगों को मंत्री बनाया जा सकता है। वहीं लोकसभा चुनाव में अच्छा काम करने वाले राज्यमंत्रियों के भी प्रमोशन होने हैं।

गौरतलब है कि ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में लखनऊ आए केन्द्रीय गृह मंत्री व भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा हो चुकी है। लोकसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी मंत्रिमंडल विस्तार के संकेत दिए थे।

ऐसा माना जा रहा है कि कुछ वरिष्ठ मंत्रियों के विभाग भी बदलेंगे। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा आलाकमान ने ऐलान किया था कि जो मंत्री अपने क्षेत्र में पार्टी को जीत दिलाएंगे उन्हें इसका तोहफा दिया जाएगा। हालांकि चर्चा ये भी है कि कुछ राज्यमंत्रियों को कैबिनेट मंत्री के पद पर प्रमोशन दिया जाएगा। वहीं कुछ मंत्रियों को हटाया भी जा सकता है। जबकि कुछ मंत्रियों का विभाग भी बदला जाएगा।