लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार राज्य में अल्पसंख्यकों को लुभाने के लिए खुलकर सरकार का खजाना खोला है। राज्य सरकार ने अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में शिक्षा में सुधार के लिए 783 करोड़ रुपये खर्च करने के लिए बजट आवंटित किया है। राज्य सरकार ने मोदी सरकार की तर्ज पर अल्पसंख्यकों को लिए बजट में ज्यादा धन आवंटित किया है।

योगी सरकार ने आज अपने चौथे बजट में मान्यता प्राप्त मदरसों और मकतबों में धार्मिक शिक्षा के अलावा आधुनिक विषयों की सुविधाओं के लिए 479 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा है। गौरतलब है कि केंद्रीय बजट 2020 में शिक्षा क्षेत्र को 99,300 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। लिहाजा इसकी तस्वीर राज्य सरकार के बजट में देखी जा रही है। प्रदेश की योगी सरकार ने अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में 83 प्रधानमंत्री जन विकास कार्यकम के तहत शिक्षा और बुनियादी ढाँचे की सुविधाओं में सुधार के लिए अपने 2020-21 के बजट में 783 करोड़ रुपये रखे हैं।

वहीं राज्य सरकार ने बजट में मान्यता प्राप्त मदरसों और मकतबों में धार्मिक शिक्षा के अलावा आधुनिक विषयों के लिए शैक्षिक सुविधाओं के लिए अलग से 479 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा है। असल में राज्य में योगी सरकार मदरसों की आधुनिक शिक्षा की तरफ जोड़ रही है। लिहाजा पिछले साल राज्य सरकार ने राज्य के मदरसों में साइंस के साथ ही कम्प्यूटर की शिक्षा को शुरू किया था। इसके साथ ही राज्य सरकार ने मदरस बोर्ड की परीक्षाओं की यूपी बोर्ड की तर्ज पर आयोजित किया था। इसके अलावा राज्य सरकार की पहल पर यूपी मदरसा बोर्ड की डिग्री को देश के  हर राज्य में मान्यता दी गई है।