लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के कैबिनेट की तस्वीर बदलेगी। हालांकि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पहले ही कह चुके हैं, जिन जिलों में पार्टी जीत हासिल करेगी उनके प्रभारी मंत्रियों का प्रमोशन होगा। लिहाजा राज्य मंत्रियों को कैबिनेट मंत्री और कैबिनेट मंत्रियों को बेहतर विभाग मिल सकते हैं। यही नहीं जिन मंत्रियों के जिलों में हार का सामना करना पड़ेगा, उसकी गाज मंत्रियों पर गिरेगी। लेकिन जून के मध्य में योगी कैबिनेट में बड़ा बदलाव देखने को जरूर मिलेगा।

लोकसभा चुनाव में योगी कैबिनेट के चार मंत्री लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। अगर ये मंत्री चुनाव जीतते हैं तो इनके पद खाली होंगे। राज्य के चार मंत्री रीता बहुगुणा जोशी इलाहाबाद, एसपी बघेल आगरा, सत्यदेव पचौरी कानपुर और मुकुट बिहारी बर्मा अंबेडकरनगर से चुनाव मैदान में हैं। जाहिर है इन मंत्रियों के जीतने के बाद मंत्री का पद छोड़ना पड़ेगा। जिनमें नए विधायकों और नेताओं को समायोजित किया जाएगा।

योगी और राष्ट्रीय अध्यक्ष पहले ही कह चुके कि जिलों के प्रभारी मंत्रियों का कद बढ़ाया जाएगा, अगर उनके जिले में पार्टी लोकसभा का चुनाव जीतती है। इसके साथ ही राज्य सरकार के दो मंत्री फिलहाल दो राज्यों का प्रभार देख रहे हैं। जिसमें असम का प्रभार महेन्द्र सिंह व मध्य प्रदेश का प्रभार स्वतंत्रदेव सिंह के पास है। ये दोनों नेता योगी सरकार में मंत्री हैं। राज्य सरकार के मंत्रीमंडल में 60 मंत्री हो सकते हैं और अभी योगी कैबिनेट में 46 मंत्री हैं।

सोमवार तक राज्य सरकार में उसकी सहयोगी सुभासपा के अध्यक्ष ओपी राजभर को योगी ने बर्खास्त कर दिया है। जिसके बाद ये पद खाली हो गया है। लिहाजा माना जा रहा है कि अगले हफ्ते के मध्य में योगी कैबिनेट का पुनर्गठन और विस्तार किया जाएगा। जिसमें कुछ मंत्रियों का कद कम होगा तो कुछ को प्रमोशन मिलेगा।