लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना का कहर जारी है और राज्य में कोरोना के मामले पांच हजार के स्तर के करीब मामले रोजाना सामने आ रहे हैं। वहीं राज्य में ज्यादातर जिलों में कोरोना का संक्रमण कम नहीं हो रहा है। वहीं अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक्शन में हैं और उन्होंने राज्य के 21 जिलाधिकारियों को तलब किया है। उन्होंने जिलों में कोरोना संक्रमण रोकने के लिए बनाए गए इंटीग्रेटेड कमांड सेंटर में टेलीफोन बंद होने, रिसीव न होने को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारियों की जमकर क्लास ली है।

जिन जिलों के जिलाधिकारियों को योगी आदित्यनाथ ने जवाब तलब किया है उसमें लखनऊ व कानपुर समेत 21 जिले शामिल हैं। फिलहाल लखनऊ और कानपुर में लगातार कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं और सीएम योगी ने जिलों के अधिकारियों से पूछा गया है कि क्यों न उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू की जाए। उन्होंने कहा कि इंटीग्रेटेड कमांड सेंटर में सक्षम नोडल अधिकारियों तैनाती व उपस्थिति सुनिश्चित की जाए। ताकि जनता को राहत मिल सके। सीएम योगी ने कहा कि कमांड सेंटर से कोविड-19 के मरीजों व होम आइसोलेशन वालों से संपर्क किया और उनका सहयोग किया जाए। उन्होंने कहा कि कमांड सेंटर में गड़बड़ियों को देखते हुए जिलों इस बारे में तीन दिनों के भीतर अपना जवाब दें। उन्होंने कहा कि इस संबंध में मुख्यमंत्री कार्यालय की जांच के बाद नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग ने एक आदेश सभी जिलों को भेजा गया है।

राज्य में 21 जिलाधिकारियों की किया जवाब तलब 

राज्य में ज्यादातर जिले कोरोना से प्रभावित हैं। राज्य में बांदा, भदोही, बिजनौर, बदायूं, एटा, फर्रुखाबाद, गोंडा, जालौन, जौनपुर, रायबरेली, संभल, शामली, श्रावस्ती, महाराजगंज, महोबा, मैनपुरी, प्रतापगढ़, बागपत व हरदोई के जिलाधिकारियों को सीएम योगी आदित्यनाथ ने तलब किया था। क्योंकि इन जिलों के कमांड सेंटर में नोडल अधिकारी गायब रहे और इस मामले में मुख्यमंत्री ने अप्रसन्नता जाहिर की है। योगी आदित्यानाथ ने कहा कि जिलाधिकारी इस संबंध में नोडल अधिकारी से स्पष्टीकरण लेकर अपनी संस्तुति व कार्रवाई का प्रस्ताव तीन दिन में भेंजे।