नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच लद्दाख में हुई हिंसक झड़पों में देश के 20 बहादुर जवान शहीद हो गए हैं और इन जवानों पर चीन ने धोके से हमला किया। वहीं माना जा रहा है कि सीमा पर विवाद अभी खत्म नहीं हुआ है। क्योंकि चीन लगातार साजिश कर रहा है। लेकिन लद्दाख में हुई झड़पों ने भारतीय सेना ने चीनी सैनिकों को धूल चटा दी थी। उन्होंने चीन के 43 से ज्यादा सैनिकों को मार गिराया था। अब आप भी एक सैनिक की तरह चीन को धूल चटा सकते हैं। ये चोट आप चीन को आर्थिक तौर से दे सकते हैं। आपके के मोबाइल में जो चीनी एप हैं। उन्हें  हटाकर आप चीन पर वार कर सकते हैं।

सीमा पर भारत-चीन का विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है और भारत चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में देश ने 20 जवानों को खोया है और कई सैनिक अभी घायल हैं।  इस घटना के बाद से ही देश में चीन के खिलाफ आक्रोश है और चीनी उत्पादों का बायकॉट किया जा रहा है। वहीं अब लोग चीनी एप का भी विरोध कर रहे हैं और अपने मोबाइल से चीनी एप को हटा रहे हैं। क्योंकि इन चीनी एप का भारतीय बाजार में दबदबा है और रोजाना चीन भारत से करोड़ों रुपये कमा रहा है। भारतीयों को मोबाइल में टिकटॉक, हेलो, लाइव, यूसी ब्राउजर हैं ये सभी एप चीन द्वारा बनाए गए हैं और इसके जरिए चीन आर्थिक तौर पर मजबूत हो रहा है।  वहीं चीनी एप पर डेटा चोरी के भी आरोप लगते रहे हैं। जिसके कारण चीनी एप भारत सरकार की एजेंसियों की निगरानी में हैं।

असल में रक्षा मंत्रालय तीन साल पहले ही ने सैन्य बलों को निर्देश दे चुका है कि वह 42 चीनी ऐप्स को मोबाइल से हटा दें। क्योंकि चीन इन इनका इस्तेमाल खुफिया जानकारी जुटाने के लिए करता है।  एक रिपोर्ट के मुताबिक वीचैट एप का इस्तेमाल चीन ख़ुफ़िया जानकारी जुटाने के लिए कर रहा है। भारत सरकार ने पिछले साल टिकटॉक पर बैन लगा दिया गया था और इससे चीन को खासा नुकसान पहुंचा था।  जानकारी के मुताबिक चीनी कंपनियां एप के रोजाना भारत से 35 करोड़ रुपए कमाती हैं। टिक-टॉक से सबसे ज्यादा कमाई चीन से होती है और इस मामले में भारत तीसरे स्थान पर है। टिकटॉ ने पिछले साल 283 करोड़ रुपये की कमाई की थी और इसे सबसे ज्यादा भारतीयों ने अपने मोबाइल में डाउनलोड किया था।