नई दिल्ली। भारत से फरार इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक की मुश्किलें मलेशिया में भी बढ़ गई हैं। उनसे मलेशिया में हिंदुओं को लेकर भड़काऊ बयान दिया था। जिसके बाद उसके 16 से 18 अगस्त के बीच होने वाले कार्यक्रम को प्रतिबंधित कर दिया है। इस बारे में मलेशिया के राष्ट्रपति ने भी बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अगर जाकिर नाइक पर दोष साबित हो जाता है तो उसकी मलेशिया की नागरिकता रद्द की जा सकती है।

जाकिर नाइक भारत का भगोड़ा आर्थिक अपराधी भी है। विभिन्न स्रोतों से लिए गए धन के लिए भी एनआईए उसके खिलाफ कार्यवाही कर रही है। लेकिन वह मलेशिया भाग गया था और वहां की सरकार ने उसे भारत को प्रत्यर्पित करने से मना कर दिया है। जाकिर ने हाल ही में एक कार्यक्रम में हिंदूओं पर जातीय टिप्पणी कर कहा था कि मलेशिया में हिंदूओं की स्थिति भारत के मुसलमान की तुलना में 100 फीसदी से भी ज्यादा अच्छी है।

जिसके बाद उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इस मामले को लेकर पुलिस ने उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया था। फिलहाल मलेशिया की मीडिया के मुताबिक, प्रधानमंत्री डॉ. महाथिर मोहम्मद ने भी कहा है कि अगर ये साबित हो जाता है कि जाकिर नाइक देश की छवि को नुकसान पहुंचा है, तो उनकी स्थायी नागरिकता  समाप्त की जाएगी। असल में जाकिर नाइक की टिप्पणी के बाद मलेशिया के कुछ मंत्रियों ने जाकिर नाइक को देश से निष्कासित करने की बात की और कहा था कि इससे देश की छवि को नुकसान पहुंचा है।

नाइक ने देश के जातीय और धार्मिक अल्पसंख्यकों को मलय बहुमत के खिलाफ भड़काने वाली टिप्पणी की। मलेशिया में मलय मुस्लिम 3.2 करोड़ की आबादी है और इसे अलावा यहां पर चीनी और भारतीय हैं। यहां की साठ फीसदी आबादी मुस्लिम है। गौरतलब है कि भारत ने 2016 के अंत में नाइक के इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन पर प्रतिबंध लगा दिया था। क्योंकि वह अपने भाषणों में धार्मिक टिप्पणियां करता था। इसके साथ ही उसके रिसर्च फाउंडेशन को विदेशों से भी धन मिलता था। जिसका ब्यौरा उसने कभी भी भारत सरकार को नहीं दिया।