एंटरटेनमेंट डेस्क. गद्दार के नाम से मशहूर लोकगायक, समाजसेवी और कवी गुम्मदी विट्टल राव का निधन हो गया है। वे 77 साल के थे। रविवार 6 अगस्त को उन्होंने अंतिम सांस ली। बताया जा रहा है कि वे गंभीर रूप से दिल की बीमारी से जूझ रहे थे और हैदराबाद के अपोलो हॉस्पिटल में उनका इलाज चल रहा था। गद्दार को लोगों का सिंगर कहा जाता था। वे विशेषकर दोनों तेलुगु भाषी राज्यों (आंध्रप्रदेश और तेलंगाना) में काफी लोकप्रिय थे। उनका जन्म 1949 में तेलंगाना के मेदक जिले के तूप्रण में हुआ था। उनका असली नाम गुम्मदी विट्टल राव था, जबकि गद्दार उनका स्टेज नाम था।

कभी हुई थी 'गद्दार' को जान से मारने की कोशिश

गद्दार के गीतों में क्रांति की झलक देखने को मिलती थी। नक्सली विद्रोह के चरम के दौरान विलयित आंध्रप्रदेश में जमीनी स्तर के आंदोलनों के उनके समर्थन ने उन्हें तेलुगु भाषी लोगों के बीच कल्ट स्टेटस दिलाया था। 80 के दशक की शुरुआत में उन्होंने कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) पीपुल्स वॉर के लिए काम किया था। हालांकि, जब आंध्रप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री चिन्ना रेड्डी ने पीपुल्स वॉर ग्रुप पर प्रतिबंध हटाया तो वे हाइबरनेशन से बाहर आ गए। 1997 में उनके घर में ही उन्हें मारने की कोशिश हुई थी। हालांकि, इसमें वे बाल-बाल बच गए थे।

अपनी पार्टी बनाना चाहते थे गुम्मदी विट्टल राव

गुम्मदी विट्टल राव को हाल ही में तेलंगाना कांग्रेस कॉन्फ्रेंस में देखा गया था, जो खम्मम में हुई थी। इस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी भी मौजूद थे। गुम्मदी राहुल गांधी के गले लगते भी नजर आए थे। कुछ महीनों पहले उन्होंने एक नई पार्टी शुरू करने का फैसला लिया था। हालांकि, अपनी प्लानिंग को फ्लोर पर लाने से पहले हु वे दुनिया को अलविदा कह गए। उनके निधन पर तेलंगाना कांग्रेस ने शोक व्यक्त किया है।