नई दिल्ली। भारत सरकार ने डिफेंस सेक्टर में बड़ा कदम उठाते हुए 21,772 करोड़ रुपये की रक्षा खरीद को मंजूरी दी है। यह फैसला रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई रक्षा खरीद परिषद (DAC) की बैठक में लिया गया। इससे थलसेना, नौसेना और वायुसेना की ताकत बढेगी और सेना मॉर्डन टेक्नोलॉजी से लैस होगी। सरकार का यह कदम सेना की कैपेसिटी बढाने वाला है। आइए जानते हैं कि इस फैसले में क्या खास है।

नौसेना के लिए नए फास्ट अटैक और इंटरसेप्टर क्राफ्ट

31 फास्ट अटैक क्राफ्ट और 120 इंटरसेप्टर क्राफ्ट की खरीद की जाएगी, जो तटीय क्षेत्रों में कम तीव्रता वाले मेरीटाइम ऑपरेशन, निगरानी, पेट्रोलिंग, और सर्च-रेस्क्यू मिशन में कारगर होगी। फास्ट इंटरसेप्टर क्राफ्ट मल्टीपरपज होंगे। ये क्राफ्ट एयरक्राफ्ट कैरियर, डिस्ट्रॉयर, फ्रिगेट और सबमरीन को एस्कॉर्ट कर सकेंगे। इन क्राफ्ट्स के आने से तटीय सुरक्षा में मजबूती आएगी।

सुखोई-30 के लिए इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सूट

इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सूट से सुखोई-30 की ताकत बढ़ेगी। यह सूट एयरबोर्न सेल्फ-प्रोटेक्शन जैमर पॉड की तरह काम करेगा। या​नी दुश्मन के रडार को चकमा दे सकेगा। दुश्मन की गतिविधियों का समय रहते पता चलेगा। इसके अलावा सुखोई-30 के इंजन को अपडेट करने और लंबे समय तक उपयोग में लाने के लिए इसे ओवरहॉल किया जाएगा।

कोस्ट गार्ड के लिए 6 अडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर (ALH)

अडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर से कोस्ट गार्ड की कैपेसिटी में इजाफा होगा। इससे समुद्री निगरानी, राहत और बचाव अभियान और तटीय सुरक्षा में सुधार होगा। ये हेलिकॉप्टर अत्याधुनिक तकनीक से लैस होंगे। 

थलसेना के टैंकों की ओवरहॉलिंग

रक्षा खरीद परिषद (DAC) ने T-72 और T-90 टैंकों की मरम्मत को भी मंजूरी दी है। हाल ही में T-90 टैंक की ओवरहॉलिंग हुई है। इनकी कुल संख्या करीबन 1700 है, जबकि 1,950 T-72 टैंक और 2,000 BMP की ओवरहॉलिंग की जाएगी। मरम्मत के बाद यह टैंक नए जैसे हो जाएंगे। इनकी कैपेसिटी बढ़ जाएगी।

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