नयी दिल्ली। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने राजस्थान के पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज में स्वदेशी मैन पोर्टेबल एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (MPATGM) का सफल परीक्षण किया है। यह मिसाइल दुश्मन के टैंकों और बख्तरबंद वाहनों की धज्जियां उड़ाने की कैपेसिटी रखती है। भविष्य में भारतीय सेना के मुख्य युद्धक टैंक अर्जुन में भी तैनात किया जा सकता है।

मैन पोर्टेबल एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (MPATGM) की खासियत

MPATGM का वजन 14.50 किलोग्राम है, यह अन्य एंटी टैंक मिसाइलों की तुलना में हल्का है। इसकी लंबाई 4.3 फीट है, जिससे इसे ले जाना और दागना आसान होता है। इस मिसाइल को दागने के लिए दो लोगों की जरूरत होती है। डिजाइन और तकनीक ऐसी है कि वॉर जोन में तेजी से डिप्लॉय किया जा सके।

बख्तरबंद वाहनों को भेदने में सक्षम 

MPATGM की रेंज 200 मीटर से लेकर 2.50 किलोमीटर तक है, जो इसे विभिन्न प्रकार के युद्ध  में उपयोगी बनाता है। सटीक निशाना लगाने की खूबी के कारण इसे छोटी से लेकर मध्यम दूरी के लक्ष्यों पर भी यूज किया जा सकता है। मिसाइल में टैंडम चार्ज हीट और पेनेट्रेशन वॉरहेड लगे होते हैं। टैंडम HEAT हथियार की तकनीक अत्याधुनिक एक्सप्लोसिव रिएक्टिव आर्मर (ERA) कवच वाले बख्तरबंद वाहनों को भेदने में सक्षम है। यह तकनीक इसे आधुनिक युद्धक टैंकों के खिलाफ बेहद प्रभावी बनाती है।

गतिशील टारगेट को भी कर देगी धुआं-धुआं

परीक्षण के दौरान MPATGM ने टारगेट पर पूरी सटीकता के साथ निशाना साधकर अपनी युद्धक क्षमता दिखाई। यदि टारगेट गतिशील है तो भी यह मिसाइल फायर करते ही दुश्मन को धुआं—धुआं कर देगी। MPATGM के कई परीक्षण हो चुके हैं, और सभी में यह खरी उतरी है। आने वाले दिनों में यह मिसाइल भारतीय सेना के लिए मील का पत्थर साबित हो सकती है। 

फ्रांस और रूस की मिसाइलों की लेगी जगह

सेना में MPATGM के शामिल होने के बाद, फ्रांस में निर्मित मिलान-2टी और रूस में निर्मित कॉन्कर्स एंटी टैंक गाइडेड मिसाइलों के पुराने वर्जन को हटाया जाएगा। इससे भारतीय सेना के हथियारों की क्वालिटी और पॉवर बढ़ेगी।

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