नयी दिल्ली। भारतीय एयरफोर्स को अपनी ताकत बढ़ाने के लिए जल्द ही 200 एयर टू एयर अस्त्र मार्क-1 मिसाइलें मिलने वाली हैं। एयरफोर्स ने इन मिसाइलों के प्रॉडक्शन को मंजूरी दे दी है, जो भारतीय फाइटर जेट सुखोई और स्वदेशी तेजस में फिट की जाएंगी। पिछले साल रक्षा अधिग्रहण समिति ने अस्त्र मार्क-1 की खरीद को हरी झंडी दी थी, और इसके सफल परीक्षणों के बाद इसे अब निर्माण के लिए हरी झंडी मिल गई है। यह मिसाइल डीआरडीओ ने विकसित की है, जबकि इसका निर्माण भारत डायनामिक लिमिटेड (बीडीएल) करेगा।

अस्त्र मार्क-1 की खासियत

अस्त्र मार्क-1 एक अत्याधुनिक बियॉन्ड विजुवल रेंज (BVRAAM) एयर टू एयर मिसाइल है। इसमें उन्नत सीकर तकनीक लगी हुई है, जो इसे जैमर के आसपास मौजूद टारगेट को भी निशाना बनाने में सक्षम बनाती है। इस मिसाइल की रेंज 100 किलोमीटर तक है और यह सटीक निशाना लगाने के लिए टारगेट लॉकिंग की तकनीक से लैस है। एक बार टारगेट लॉक हो जाने के बाद, मिसाइल उसे तबाह करके ही छोड़ती है।

अस्त्र मार्क-2 के टेस्टिंग की तैयारी

अस्त्र मार्क-2 भी डेवलप किया जा रहा है। जिसकी रेंज करीब 130 किलोमीटर होगी। इसका  परीक्षण जल्द शुरू होने की उम्मीद है। इसके साथ ही, लॉन्ग रेंज अस्त्र मिसाइल के विकास की योजना भी बनाई गई है, इस पर अभी काम किया जाना है। जिसकी रेंज 300 किलोमीटर तक बढ़ाई जा सकती है।

पड़ोसी देशों के मिसाइल सिस्टम क्या-क्या?

पाकिस्तान: पाकिस्तान के F-16 फाइटर जेट में AMRAAM (AIM-120) मिसाइल लगी है, जिसकी रेंज 100 किलोमीटर से अधिक है। इसका इस्तेमाल बालाकोट स्ट्राइक के बाद किया गया था।

चीन: चीन के पास PL-15 मिसाइल है, जिसकी रेंज 200 से 300 किलोमीटर है। चीन इसे J-16 और J-20 फाइटर जेट में यूज करता है। 145 किलोमीटर रेंज वाली PL-15 E एक्सपोर्ट वर्जन भी पाकिस्तान को दिया है।

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