Pride of India: भारत के ऐतिहासिक किलों में से एक, ग्वालियर किला, अपने शानदार वास्तुशिल्प चमत्कार और समृद्ध इतिहास के लिए प्रसिद्ध है। 8वीं सदी में निर्मित यह किला मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। इसकी मजबूत दीवारें, शाही महल और खूबसूरती से नक्काशीदार मंदिर इसे भारतीय इतिहास का अमूल्य रत्न बनाते हैं।

ग्वालियर किले का गौरवशाली इतिहास
ग्वालियर किले का निर्माण 8वीं सदी में किया गया था और इसे कई राजवंशों द्वारा शासित किया गया। तोमर राजवंश, मुगल, मराठा और ब्रिटिश शासन के दौरान इस किले ने कई महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाओं को देखा। इसे "भारत का जिब्राल्टर" भी कहा जाता है, क्योंकि यह किला अजेय और रणनीतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण रहा है।
ग्वालियर किले की प्रमुख स्ट्रक्चर

 

1. मान सिंह पैलेस
राजा मान सिंह तोमर द्वारा 15वीं सदी में निर्मित मान सिंह पैलेस इस किले का प्रमुख आकर्षण है। इसकी दीवारों पर नीली सिरेमिक टाइलें लगी हुई हैं, जो इसकी खूबसूरती में चार चाँद लगाती हैं।

2. तेली का मंदिर
ग्वालियर किले में स्थित तेली का मंदिर अद्वितीय स्थापत्य कला का उदाहरण है। द्रविड़ शैली में निर्मित यह मंदिर शानदार नक्काशी और भव्यता के लिए जाना जाता है।

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3. गूजरी महल
गूजरी महल राजा मान सिंह द्वारा उनकी प्रिय रानी मृगनयनी के लिए बनवाया गया था। आज यह एक पुरातत्व संग्रहालय के रूप में कार्य करता है, जहाँ प्राचीन मूर्तियों और ऐतिहासिक वस्तुओं का संग्रह है।

4. जहांगीर महल और शाहजहां महल
ग्वालियर किले में स्थित जहाँगीर महल और शाहजहाँ महल, मुगलकालीन वास्तुकला के बेहतरीन उदाहरण हैं। ये महल अपनी भव्यता और समृद्ध ऐतिहासिक विरासत को दर्शाते हैं।

ग्वालियर किला क्यों है अनोखा?
ऐतिहासिक धरोहर: यह किला भारत के सबसे पुराने किलों में से एक है।
अद्भुत वास्तुकला: बलुआ पत्थर से निर्मित दीवारें और नक्काशीदार संरचनाएँ इसकी शान बढ़ाती हैं।
सांस्कृतिक महत्व: यह किला विभिन्न राजवंशों के उत्थान और पतन का साक्षी रहा है।
प्राकृतिक सौंदर्य: ऊँचाई से पूरे ग्वालियर शहर का शानदार दृश्य दिखता है।

ग्वालियर किले की यात्रा की योजना कैसे बनाएं?
खुलने का समय: सुबह 8:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक
प्रवेश शुल्क: भारतीयों के लिए ₹75, विदेशियों के लिए ₹250
स्थान: ग्वालियर, मध्य प्रदेश

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