नई दिल्ली। इकोनॉमिकल डिफिट खाने के बाद पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान को भारत की तरफ से एक और खतरनाक झटका लगा है। न्यूक्लयर बम के नंबर्स को लेकर पाकिस्तान से पीछे चल रहा भारत इस बार आगे निकल गया है।
नई दिल्ली। इकोनॉमिकल डिफिट खाने के बाद पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान को भारत की तरफ से एक और खतरनाक झटका लगा है। न्यूक्लयर बम के नंबर्स को लेकर पाकिस्तान से पीछे चल रहा भारत इस बार आगे निकल गया है। एक स्वीडिश थिंक-टैंक ने सोमवार को कहा कि अमेरिका, रूस, फ्रांस, चीन, भारत और पाकिस्तान समेत 9 परमाणु-सशस्त्र राष्ट्रों ने अपने परमाणु शस्त्रागार काे हाईटेक करना जारी रखा है और उनमें से कई ने 2023 में नए न्यूक्लियर-कैपबल वैपेंस सिस्टम तैनात किए हैं।
भारत ने एक साल में 8 नए न्यूक्लियर वेपेंस को अपने स्टोर में जोड़ा
रिपोर्ट में इस साल जनवरी में भारत के स्टोर न्यूक्लियर वेपेंस की संख्या 172 बताई गई थी, जबकि पाकिस्तान के पास यह संख्या 170 थी। भारत ने पिछले एक साल में 8 नए परमाणु बम बनाए हैं। वहीं पाकिस्तान ने गत एक साल में कोई नया परमाणु बम नहीं बनाया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान भारत के न्यूक्लियर डिटरेंट का मेन सेंटर बना हुआ है। भारत लंबी दूरी के हथियारों पर अधिक जोर दे रहा है, जिसमें पूरे चीन तक पहुंचने में सक्षम हथियार भी शामिल हैं।
चीन ने साल भर में बनाए 90 न्यूक्लियर वेपेंस
अपने विश्लेषण में स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) ने कहा कि चीन ने एक साल में 90 न्यूक्लियर वेपेंस तैयार किए है। चीन का परमाणु शस्त्रागार जनवरी 2023 में 410 वॉरहेड से बढ़कर जनवरी 2024 में 500 हो गया है, इसके और बढ़ने की उम्मीद है। तैनात किए गए लगभग 2,100 वॉरहेड बैलिस्टिक मिसाइलों पर हाई ऑपरेशन अलर्ट की स्थिति में रखे गए थे, और उनमें से लगभग सभी रूस या अमेरिका के थे। हालांकि, ऐसा माना जाता है कि पहली बार चीन ने भी कुछ अपने वॉरहेड हाई ऑपरेशन अलर्ट पर रखे हैं। SIPRI ने कहा कि जनवरी 2024 में अनुमानित 12,121 वारहेड्स की कुल ग्लोबल लिस्ट में से लगभग 9,585 संभावित उपयोग के लिए सैन्य भंडार में थे। 3904 परमाणु बम, मिसाइलों और लड़ाकू विमानों में रखे गए हैं जो साल 2023 की तुलना में 60 ज्यादा है।
इस तकनीक पर काम करने पर थिंक टैंक ने जताई चिंता
थिंक-टैंक के अनुसार भारत, पाकिस्तान और उत्तर कोरिया सभी बैलिस्टिक मिसाइलों पर कई वारहेड(परमाणु बमों) तैनात करने की तकनीक पर काम कर रहे हैं। कुछ ऐसा ही रूस, फ्रांस, यूके, अमेरिका और हाल ही में चीन ने किया है।
रूस- अमेरिका के पास कुल न्यूक्लियर वेपेंस का 90%
SIPRI ने कहा कि रूस और अमेरिका के पास कुल परमाणु हथियारों का लगभग 90 प्रतिशत है। उनके संबंधित सैन्य भंडार का आकार 2023 में अपेक्षाकृत स्थिर रहा है। अनुमान है कि रूस ने जनवरी 2023 की तुलना में आपरेशन फोर्स के साथ लगभग 36 और वारहेड तैनात किए।
चीन सबसे तेजी से कर रहा विस्तार
इसमें कहा गया है कि यह इस बात पर निर्भर करता है कि वह अपनी सेनाओं को कैसे संरचित करता है, चीन के पास दशक के अंत तक संभावित रूप से कम से कम उतनी ही इंटरीकांटेंसियल बैलिस्टिक मिसाइलें (ICBM) हो सकती हैं, जितनी रूस या अमेरिका के पास हैं।
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Last Updated Jun 18, 2024, 9:02 AM IST