नई दिल्ली। डिफेंस सेक्टर में भारत की ताकत और बढ़ रही है। इंडियन नेवी के पास मौजूदा समय में दो न्यूक्लियर सबमरीन (SSBN) ऑपरेशनल हैं—आईएनएस अरिहंत और आईएनएस अरिघात। दो ओर न्यूक्लियर सबमरीन प्रोजेक्ट पर तेज़ी से काम चल रहा है। जल्दी SSBN अरिधमान और चौथी न्यूक्लियर सबमरीन, नेवी के ताकतवर बेड़े में शामिल होंगी।

दुश्मनों को जवाब देने के लिए न्यूक्लियर सबमरीन जरूरी

दुश्मनों को जवाब देने के लिए न्यूक्लियर सबमरीन का होना बेहद जरूरी है, क्योंकि ये पनडुब्बियां कई महीनों तक समुद्र में छुपकर दुश्मन के क्षेत्र में गहराई से नजर बनाए रख सकती हैं। इसके अलावा, ये सबमरीन भारत के न्यूक्लियर डिटरेंस का अहम हिस्सा हैं। भारत के पास आने वाले वर्षों में चार न्यूक्लियर सबमरीन होंगी जो देश की सुरक्षा को मजबूती देंगी।

वर्तमान में ऑपरेशनल हैं ये न्यूक्लियर सबमरीन

आईएनएस अरिहंत

आईएनएस अरिहंत भारत की पहली न्यूक्लियर सबमरीन है, जिसे 2009 में तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह ने लॉन्च किया था। अरिहंत को अगस्त 2016 में भारतीय नौसेना में कमीशन किया गया। इसका वजन करीब 6000 टन है और यह बिना रुके करीब 50 दिन तक पानी के भीतर रह सकती है। अरिहंत की खासियत यह है कि इसमें बैलेस्टिक मिसाइल्स तैनात हैं, जिनकी रेंज लगभग 750 किलोमीटर है।

आईएनएस अरिघात

आईएनएस अरिघात को हाल ही में स्ट्रैटजिक फोर्सेस कमांड में शामिल किया गया है। यह भी 6000 टन की न्यूक्लियर सबमरीन है और अरिहंत की तरह ही इसमें 50 दिनों से भी ज्यादा समय तक पानी के भीतर रह सकने की क्षमता है। इसकी स्पीड पानी के अंदर 24 नॉटिकल मील प्रतिघंटा है।

नई न्यूक्लियर सबमरीन: अरिधमान और चौथी सबमरीन

तीसरी न्यूक्लियर सबमरीन, SSBN अरिधमान, समुद्री ट्रायल से गुजर रही है। उम्मीद है कि अगले साल इसे भारतीय नौसेना में कमिशन कर दिया जाएगा। इसके साथ ही चौथी न्यूक्लियर सबमरीन को हाल ही में विशाखापट्टनम के शिपबिल्डिंग सेंटर में पानी में लॉन्च किया गया है, और इसके समुद्र में परीक्षण जल्द ही शुरू किए जाएंगे।

चौथी न्यूक्लियर सबमरीन सबसे पॉवरफुल

चौथी न्यूक्लियर सबमरीन अब तक की सबसे मॉर्डन और ताकतवर सबमरीन मानी जा रही है। इसमें अरिहंत और अरिघात की तुलना में ज्यादा एडवांस्ड रिएक्टर लगाए गए हैं, जो इसे अतिरिक्त पॉवर और कैपेसिटी प्रदान करते हैं। जहां अरिहंत में लगे बैलेस्टिक मिसाइल की रेंज 750 किलोमीटर है, वहीं चौथी न्यूक्लियर सबमरीन में लगे मिसाइल्स की रेंज 3500 किलोमीटर तक होगी। यह बढ़ी हुई रेंज और एडवांस्ड टेक्नोलॉजी इसे भारतीय नेवी की सबसे घातक न्यूक्लियर सबमरीन बनाती है।

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