आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती और वैश्विक चुनौतियों का सामना करने की क्षमता पर अपने विचार शेयर किए। जानिए भारत की आर्थिक ताकत के बारे में।
Indian Economy: भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर इंटरनेशनल लेवल पर पॉजिटिव रिपोर्ट्स सामने आ रही हैं। आर्थिक स्थिरता और विकास दर को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक यानी RBI का भी आत्मविश्वास बढ़ा हुआ है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने हाल ही में इंडियन इकोनॉमी की मजबूती और संकट से निपटने की तैयारियों पर अपने विचार साझा किए। आइए उसके बारे में जानते हैं।
भारतीय अर्थव्यवस्था पर ग्लोबल उतार-चढ़ाव का प्रभाव नहीं
आरबीआई गवर्नर ने बताया कि वैश्विक घटनाओं और आर्थिक उतार-चढ़ाव के बावजूद भारत की इकोनॉमी स्थिर बनी हुई है। भारत का इकोनॉमी सिस्टम और फाइनेंशियल सेक्टर ग्लोबल चैलेंजेज से निपटने में सक्षम हैं। शक्तिकांत दास के मुताबिक, भारत का चालू खाता घाटा (CAD) 1.1% पर है, जो सीमा के भीतर है। यह आंकड़ा 2010-11 की तुलना में बहुत बेहतर है, जब चालू खाता घाटा 6-7% तक पहुंच गया था।
विदेशी मुद्रा भंडार भारत की ताकत
गवर्नर ने यह भी बताया कि भारत के पास लगभग 675 अरब अमेरिकी डॉलर का विशाल विदेशी मुद्रा भंडार है। यह दुनिया के सबसे बड़े भंडारों में से एक है और भारत को आर्थिक संकटों से बचाने में मदद करता है।
भारत की आर्थिक ताकत क्या?
आरबीआई गवर्नर के अनुसार, भारत की विकास दर संतुलित है और यह देश की स्थिरता और ताकत को दर्शाती है। भारत का बैंकिंग और फाइनेंशियल सेक्टर ग्लोबल उतार-चढ़ाव का सामना करने में पूरी तरह से सक्षम है। बैंकिंग प्रणाली की स्टेबिलिटी ने आर्थिक स्थिति को और मजबूत किया है। डिजिटल लेनदेन और फिनटेक के क्षेत्र में प्रगति ने इकोनॉमी को गति दी है।
अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसियों की रिपोर्ट्स
अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसियां भारत को एक स्थिर और तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में देख रही हैं। ब्रोकरेज फर्मों ने भी भारत की आर्थिक स्थिति पर सकारात्मक रुख दिखाया है। भारत का बढ़ता विदेशी मुद्रा भंडार और स्थिर चालू खाता घाटा देश को वैश्विक मंचों पर मजबूत स्थिति में रखता है।
Last Updated Nov 18, 2024, 10:51 PM IST