RudraM-2 Missile: रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने बुधवार को हाइपरसोनिक मिसाइल RudraM-2 का सफल परीक्षण किया। हवा से सतह में मार करने वाली सुपर किलर मिसाइल की तुलना रूस के Kh-31PD मिसाइल से की जा रही है। 29 मई 2024 को सुबह करीबन साढ़े ग्यारह बजे Su-30MKI फाइटर जेट से लॉन्च किया गया। राडार, टेलिमेट्री स्टेशंस, कंट्रोल एंड गाइडेंस सिस्टम, इलेक्ट्रो—आप्टिकल सिस्टम और प्रोप्लशन सिस्टम की भी जांच की गई। 

एंटी-रेडिएशन Air-To-Surface Hypersonic Missile 

मिसाइल की ताकत ऐसी कि दुश्मन थर-थर कांपेंगे। इस एंटी-रेडिएशन Air-To-Surface Hypersonic Missile को दुश्मन के राडार, एयर डिफेंस सिस्टम, रेडियो फ्रिक्वेंसी यंत्र या कोई भी संचार सिस्टम नहीं पकड़ सकता। रूस की जिस खतरनाक मिसाइलह Kh-31PD से इसकी तुलना की जा रही है। यूक्रेन वॉर में रूस ने उसी मिसाइल का ज्यादा यूज किया था। 

एयर डिफेंस सिस्टम को पल भर में कर देगी बर्बाद

मतलब यह है कि यह दुश्मन के जहाज, बंकर, आयुध डिपो, एयर डिफेंस सिस्टम तक को पल भर में तहस नहस कर सकती है। मिसाइल की असली ताकत उसकी स्पीड है। यह 6791.4 km/hr की स्पीड से दुश्मन की तरफ बढ़ती है। मिसाइल की लंबाई 18 फीट है, जो 155 किलोग्राम का हथियार ले जा सकती है। जिसे डीआरडीओ ने डिजाइन किया है और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, अडाणी डिफेंस एंड एयरोस्पेस ने मिलकर बनाया है।

300 किलोमीटर रेंज, 3 से 15​ किलोमीटर ऊंचाई तक उड़ान

रुद्रम-2 मिसाइल की रेंज 300 किलोमीटर है। 3 से 15 किलोमीटर की ऊंचाई तक उड़ान भर सकती है। आईएनएस और सैटनैव गाइडेंस सिस्टम के साथ पैसिव राडार होमिंग सिस्टम से लैस है। टारगेट से 5 मीटर दूर भी गिरकर, उसे पूरी तरह बरबाद करने की क्षमता है। आने वाले दिनों में इसे तेजस फाइटर जेट, एएमसीए और टेडबीएफ फाइटर जेट में लगाया जा सकता है। अभी मिग-29, मिराज, जगुआर और सुखोई विमानों में तैनात की जा सकती है।  

ये भी पढें-बिजनेस वर्ल्‍ड में चीन का दबदबा मिट्टी में मिला देगा भारत! निर्यात बढ़ा...$835 बिलियन, 5 प्वाइंट में...