नयी दिल्ली। भारत ने रक्षा के क्षेत्र में बड़ी छलांग लगाई है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने 18 अप्रैल को निर्भय स्वदेशी क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। इसमें स्वदेशी इंजन लगा है। जिससे मिसाइल की ताकत बढ़ गई है। परीक्षण के दौरान मिसाइल के पूरे रास्ते की ट्रैकिंग की गई। इसमें रेंजस सेंसर के साथ इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम व टेलिमेट्री की का भी सपोर्ट लिया गया।

दो स्टेज की मिसाइल, कम ऊंचाई पर उड़ान

वायुसेना के सुखोई एसयू-30-एमके-1 फाइटर जेट के द्वारा भी मिसाइल की उड़ान को टेस्ट करने का काम किया गया। सभी टेस्ट में मिसाइल खरी उतरी। समंदर के ऊपर कम ऊंचाई पर भी मिसाइल ने उड़ान भरी। टेरेन हगिंग कैपिबिलिटी से युक्त मिसाइल की स्पीड 1111 किमी प्रति घंटा तक दर्ज की गई। दो स्टेज की मिसाइल में पहले स्टेज पर ठोस और दूसरे स्टेज में तरल ईंधन का यूज किया जाता है।

1500 किमी रेंज, 300 किग्रा हथियार कैपेसिटी

मिसाइल की अधिकतम रेंज 1500 किमी है। 300 किलोग्राम के हथियार ले जाने में सक्षम है। जमीन से कम से कम 50 मीटर और अधिकतम 4 किमी ऊपर उड़कर टारगेट को नेस्ताबूद कर सकती है। मिसाइल की खासियत है कि यह चलते-फिरते टारगेट को भी मिट्टी में मिला सकता है। मतलब कि यह उड़ान के दरम्यान अपनी दिशा परिवर्तित कर सकता है। माना जा रहा है कि स्वदेशी माणिक टर्बोफैन इंजन मिसाइल की ताकत को कई गुना बढ़ा देता है।

समुद्र और जमीन दोनों जगहों पर टारगेट को कर सकती है तबाह

मिसाइल को समुद्र और जमीन दोनों जगहों से टारगेट पर दागा जा सकता है। चीन से सटी सीमा LAC पर मिसाइल की तैनाती हो सकती है। निर्भय क्रूज मिसाइल की लंबाई 6 मीटर और चौड़ाई 0.52 मीटर है। मिसाइल के पंखों की लंबाई 2.7 मीटर है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मिसाइल टारगेट को खत्म करने से पहले उसकी तस्वीर और वीडियो भी ले सकता है और उसे कंट्रोल रूम भेज सकता है। यह तकनीक निर्भय मिसाइल को खास बनाती है। 

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