नयी दिल्ली। भारतीय नौसेना फ्रांसीसी राफेल-एम (मरीन) लड़ाकू विमान की खरीद करेगी। यह नए विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत की ताकत बढ़ाएंगे। राफेल लड़ाकू विमान का नेवल वेरिएंट राफेल-एम (मरीन) की ज्यादा हथियारों के साथ उड़ान भरने की कैपेसिटी है, जो युद्ध की तस्वीर बदलने की क्षमता रखता है। हिंद महासागर क्षेत्र में इसका बड़ा असर पड़ेगा।

बढ़ाएगा भारतीय नौसेना की ताकत

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राफेल-एम (मरीन) मॉर्डन टेक्नोलॉजी से लैस है। इसमें एईएसए रडार के अलावा स्पेक्ट्रा इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली भी लगी है। इस हाईटेक टेक्नोलॉजी की वजह से जंग के मैदान में दुश्मन भी खौफ खाएंगे। यह सटीक हमला तो करेगी, साथ ही समुद्री हमलों का भी मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है। राफेल—एम भारतीय नौसेना की हवाई जंगी बेड़े की श्रेष्ठता स्थापित करने का काम करेगी।

पॉवरफुल लैंडिंग गियर लड़ाकू विमान को बनाता है खास

राफेल एम छोटे रनवे पर तेजी से उतर सकता है। लड़ाकू विमान में लगा पॉवरफुल लैंडिंग गियर इसे खास बनाता है। यह जल्दी खराब नहीं होगा। इसे विशेषकर एयरक्राफ्ट कैरियर आपरेशन के लिए बनाया गया है। पार्किंग के लिए समय फोल्डेबल विंग एयरक्राफ्ट कैरियर के काम को आसान बनाते हैं। इन वजहों से राफेल एम को आईएनएस विक्रांत पर तैनाती के लिए बेहतर माना जा रहा है। लड़ाकू विमान के नौसेना में शामिल होने से भारत की समुद्री शक्ति में बड़ा इजाफा होगा।

समुद्र में बढ़ेगी आपरेशनल पहुंच

राफेल एम की तैनाती से भारतीय नौसेना की समुद्र में आपरेशनल पहुंच बढ़ेगी, क्योंकि यह लड़ाकू विमान लंबी दूरी तरक मार कर सकता है। हवा में ही ईंधन भी भरा जा सकता है। डिफेंस सेक्टर के जानकारों का कहना है कि तमाम खूबियों से लैस यह विमान दुश्मनों की धड़कनें बढ़ाएगा। साथ ही वैश्विक व्यापार और ऊर्जा आपूर्ति के क्षेत्रों की प्रभावी निगरानी भी कर सकेगा। रिपोर्ट्स के अनुसार, राफेल एम की स्ट्राइक कैपेसिटी दुश्मनों को मात देने में सक्षम है। इसकी टोही क्षमता भारतीय नौसेना को संभावित खतरों को बेअसर करने में मदद करेगी।

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