टीम इंडिया ने इतिहास रचते हुए ऑस्ट्रेलिया को तीन वनडे मैचों की सीरीज में 2-1 से हरा दिया। तीसरे और अंतिम मुकाबले में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को सात विकेट से रौंद दिया। 231 रन का पीछा करने उतरी टीम इंडिया ने फिनिशर महेंद्र सिंह धोनी के नाबाद 87 और केदार जाधव के   रन की बदौलत 50 ओवर में जीत का लक्ष्य हासिल कर लिया। कप्तान विराट  कोहली ने 46 रन बनाए। इससे पहले भारत ने चार मैचों की टेस्ट सीरीज में भी ऑस्ट्रेलिया को 2-1 से हरा दिया था। दोनों देशों के बीच टी-20 सीरीज ड्रा रही थी। 

ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने शुरू से ही भारत पर दबाव बनाए रखा। रोहित शर्मा 17 गेंदों पर 9 रन बनाकर आउट होने वाले पहले बल्लेबाज थे। तब भारतीय टीम का स्कोर 6 ओवर में 15 रन था। इसके बाद बल्लेबाजी करने उतरे कप्तान विराट कोहली ने शिखर धवन के साथ मिलकर भारतीय पारी को स्थिर किया। दोनों ने मिलकर दूसरे विकेट के लिए 45 रन जोड़े। इसके बाद धवन 46 गेंदों में 23 रन बनाकर मार्कस स्टॉयनिस का शिकार हो गए।

कोहली का साथ देने के लिए अनुभवी महेंद्र सिंह धोनी चौथे नंबर पर उतरे। इस सीरीज में शानदार बल्लेबाजी कर रहे दोनी ने कोहली के साथ मिलकर तीसरे विकेट के लिए 54 रनों की साझेदारी की। बल्लेबाजी के लिए आसान विकेट न होने के चलते ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज भारत को मनमाफिक खेलने से रोकने में  सफल रहे। पिछले मैच में शानदार शतक लगाने वाले कोहली जाय रिचर्डसन की गेंद पर विकेट के पीछे एलेक्स कैरी के हाथों लपके गए। उन्होंने 62 गेंदों पर तीन चौकों की मदद से 46 रन बनाए। 

धोनी ने शांत अंदाज में अपनी बल्लेबाजी को आगे बढ़ाया। इसके बाद वनडे टीम में वापसी कर रहे केदार जाधव के साथ मिलकर शतकीय साझेदारी की और टीम को ऐतिहासिक जीत दिला दी। केदार ने शानदार अर्धशतकीय पारी खेली।

इससे पहले, लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल की फिरकी के जादू से भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 48.4 ओवर में 230 रन पर आउट कर दिया। सीरीज में अपना पहला मैच खेल रहे चहल ने करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 10 ओवर में 42 रन देकर छह विकेट लिए। उनका पिछला सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दक्षिण अफ्रीका के सेंचुरियन में 22 रन पर पांच विकेट था। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में किसी भारतीय गेंदबाज की सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की बराबरी की। इससे पहले अजित अगरकर ने भी इसी मैदान पर 42 रन देकर छह विकेट लिये थे। यह इस मैदान पर किसी विदेशी गेंदबाज का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन भी है। अगरकर ने 2004 में त्रिकोणीय श्रृंखला में यह प्रदर्शन किया था। 

चहल के अलावा भुवनेश्वर कुमार और मोहम्मद शमी ने भी दो-दो विकेट लिये। ऑस्ट्रेलिया के लिए पीटर हैंड्सकांब ने 58 रन की पारी खेली। टास जीतकर भारत ने क्षेत्ररक्षण का फैसला किया लेकिन खराब मौसम के कारण खेल दस मिनट देर से शुरू हुआ। ऑस्ट्रेलियाई पारी में दो गेंद डालने के बाद ही खेल एक बार फिर 20 मिनट के लिए रोकना पड़ा। ऑस्ट्रेलिया की शुरूआत खराब रही। पारी के तीसरे ओवर में ही भुवनेश्वर कुमार ने सलामी बल्लेबाज एलेक्स कैरी (05) को स्लिप में खड़े कप्तान विराट कोहली के हाथों कैच कराकर पवेलियन भेजा। कप्तान आरोन फिंच की खराब फार्म इस मैच में भी जारी रही जो 14 रन बनाकर भुवनेश्वर का दूसरा शिकार बने। नौवें ओवर में 27 रन पर दोनों सलामी बल्लेबाजों का विकेट खोने के बाद उस्मान ख्वाजा (34) और पिछले मैच में शतकीय पारी खेलने वाले शान मार्श (39) ने टीम के स्कोर को 100 तक पहुंचाया। 

चहल ने पारी के 24वें ओवर में दोनों का विकट झटककर मैच पर भारत की पकड़ मजबूत कर दी। इस ओवर की पहली गेंद पर धोनी ने मार्श को स्टंप किया जबकि चौथी गेंद पर ख्वाजा चहल को ही कैच दे बैठे। हैंड्सकांब ने इसके बाद अर्धशतकीय पारी खेली लेकिन दूसरे छोर से उन्हें अच्छा साथ नहीं मिला। मार्कस स्टोइनिस 10 रन बनाकर चहल का तीसरा शिकार बने। उनका कैच स्लिप में खड़े रोहित शर्मा ने पकड़ा। ग्लेन मैक्सवेल ने इसके बाद तेजी से रन बनाने की कोशिश और उन्होंने चहल के खिलाफ आक्रामक रूख अख्तियार करते हुए तीन चौके भी लगाये लेकिन शमी की गेंद पर बड़ा शॉट खेलने के चक्कर में वह भुवनेश्वर कुमार को कैच थमा बैठे। हैंड्सकांब ने 42वें ओवर में चहल की पांचवी गेंद पर एक रन लेकर अपना अर्धशतक पूरा किया। यह मौजूदा श्रृंखला में उनकी दूसरी अर्धशतकीय पारी है। 

उन्होंने जाय रिचर्डसन (16) साथ स्कोर को 200 के पार पहुंचाया। चहल ने हालांकि रिचर्डसन का विकेट लेकर दोनों की 45 रन की साझेदारी को तोड़ा। हैंड्सकांब भी इसके बाद ज्यादा रन नहीं जोड़ पाये और चहल के पांचवें शिकार बने। पगबाधा आउट होने से पहले उन्होंने 63 गेंद में पांच चौके की मदद से 58 रन बनाये। चहल ने इसके बार एकदिवसीय में पदार्पण कर रहे विजय शंकर के हाथों कैच कराकर एडम जम्पा (08) को पैवेलियन भेजा। शमी ने बिली स्टोनलेक को बोल्ड कर ऑस्ट्रेलियाई पारी का अंत किया। भारत ने मैच के लिए टीम में तीन बदलाव किये। हरफनमौला शंकर एकदिवसीय में पदार्पण कर रहे हैं, उन्हें मोहम्मद सिराज की जगह टीम में शामिल किया गया है। अंबाती रायुडू की जगह केदार जाधव और कुलदीप यादव की जगह चहल को मौका मिला है।