विश्वकप में अपने प्रदर्शन से बेल्जियम की टीम ने सबका दिल जीता है और उसे पता भी है कि सुनहरे पन्ने में अपना नाम दर्ज कराना है तो ब्राजीली चुनौती से पार पाना होगा। विश्वकप का ये नॉकआउट मैच उनके लिए अबकी बार आखिरी मौका है। प्री क्वार्टरफ़ाइनल में जापान से 2-0 से पीछड़ने के बाद बेल्जियम की टीम ने शानदार वापसी करते हुए मैच जीता था। इस यूरोपीय टीम में कई ऐसे खिलाड़ी हैं जो उलटफेर माद्दा रखते हैं। चेल्सी के लिए खेलने वाले एडन हेजार्ड, मैनचेस्टर सिटी के लिए खेलने वाले केविन ब्रुइन और मैनचेस्टर यूनाइटेड के लिए खेलने वाले रोमेलू लुकाकू हैं। ये टीम पिछले विश्व कप में भी क्वार्टर फाइनल में पहुंची थी। 

1986 में बेल्जियम की टीम को दिग्गज माराडोना की टीम अर्जेंटिना से दो गोलों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा था।

नॉकआउट में दो गोल से पिछड़ने के बाद जीत दर्ज करने वाली 48 साल में पहली टीम बनी बेल्जियम को मज़बूत तो है लेकिन उनमें कुछ कमियां भी नज़र आई हैं। जापान से पिछड़ने के बाद भले इतिहास बनाते हुए बेल्जियम ने 94वें में गोल कर मैच को अपने पाले में किया था पर इस बार डिएगो सिल्वा की कप्तानी वाली टीम ब्राजील उनके सामने है जिसमें नेमार जैसा धुरंधर है। बेल्जियम के लिए पिछड़ कर वापसी करना लोहे के चने चबाने जैसा होगा।

विश्व की नंबर 2 और नंबर 3 टीमों के बीच मुकाबला

फ़ीफ़ा रैंकिंग में ब्राजीली टीम नंबर 2 पर है और बेल्जियम की टीम नंबर 3 पर। विश्वकप में दोनों टीमें चार बार आमने-सामने आ चुकी हैं, जिनमें 3 बाज़ी ब्राजील के पक्ष में रही तो एक बेल्जियम के पक्ष में। पिछले 23 मुकाबलों में बेल्जियम की टीम को हार का मुंह नहीं देखना पड़ा है। 18 मैचों में टीम जीती है और पांच मुकाबले ड्रॉ पर खत्म हुए। ब्राजीली टीम भी पिछले 15 मैचों में हारी नहीं है। टीम 11 मैचों में जीती है और 4 मुकाबले ड्रॉ रहे हैं।