महेंद्र सिंह धोनी का बल्ला एशिया कप में नहीं चला लेकिन सीरीज में नियमित कप्तान विराट कोहली की गैरमौजूदगी में भारतीय टीम की कमान संभालने वाले रोहित शर्मा को इस बात का फख्र है कि उन्होंने पूर्व कप्तान से दबाव की स्थिति में शांत रहने की कला सीख ली है। 

कोच रवि शास्त्री ने भी नियमित कप्तान विराट कोहली की गैरमौजूदगी में धोनी तरह शांत रहने वाले रोहित की तारीफ की जिनकी कप्तानी में भारत ने एशिया कप का सातवां खिताब जीता। 

रोहित ने कहा, ‘मैंने धोनी को इतने वर्षों से कप्तानी करते देखा है, वह कभी भी परेशान नहीं होते हैं। फैसला लेने में थोड़ा समय लेते हैं। ये ऐसी चीजे हैं जो मुझ में भी हैं।’ मुंबई के इस कलात्मक बल्लेबाज ने धोनी की उन खूबियों के बारे में भी बताया जो उन्होंने अपनाने की कोशिश की। 

उन्होंने कहा, ‘मैं सोचने के बाद ही कुछ प्रतिक्रिया देता हूं। हां, 50 ओवर के खेल में आपको समय मिल जाता है, आपके पास कुछ भी करने का समय होता है। मैंने उन्हें देखकर यह सीखा है। मैं उनकी कप्तानी में लंबे समय तक खेला हूं। जब भी जरूरत होती है वह सुझाव देने के लिए तैयार रहते है।’ 

धोनी एशिया कप में अपने बल्ले से ज्यादा प्रभावित नहीं कर सके लेकिन शानदार विकेटकीपिंग और मैदान पर उनके रणनीतिक फैसले की खूब तारीफ हुई। रोहित ने कहा, ‘हम धोनी भाई से हमेशा सीखते रहते हैं क्योंकि वह काफी महान कप्तान रहे हैं। मैदान पर जब भी हम किसी परेशानी में होते हैं तो वह मदद के लिए तैयार रहते हैं।’ 

जडेजा ने खुद को साबित किया

वनडे टीम से एक साल से ज्यादा समय तक बाहर रहने वाले रविंद्र जडेजा ने एशिया कप में शानदार वापसी की और भारत के कार्यवाहक कप्तान रोहित शर्मा को लगता है कि इस आल राउंडर ने अपने प्रदर्शन से खुद को साबित किया है। रोहित ने कहा कि जडेजा ने वापसी करने की भूख दिखाते हुए मिले मौकों का पूरा फायदा उठाया जबकि वह करीब 15 महीने तक सफेद गेंद के क्रिकेट से बाहर रहे। 

रोहित ने जडेजा की तारीफ करते हुए कहा, ‘जब आप टीम से बाहर होते हो तो आपके अंदर खुद को साबित करने की भूख रहती है और आप किसी अन्य को साबित करने के बजाय खुद को साबित करना चाहते हो। ’

उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि उसने इस टूर्नामेंट में खुद को साबित किया है कि वह वह पहले से ज्यादा बेहतर हो गया है। उसकी गेंदबाजी, बल्लेबाजी और क्षेत्ररक्षण क्षमता टीम के लिये काफी अहम हैं।’