बीसीसीआई सीईओ राहुल जोहरी और क्रिकेट संचालन महाप्रबंधक सबा करीम को लिखे पत्र में प्रशासकों की समिति की सदस्य डायना एडुल्जी पर लगाया पक्षपात करने का आरोप।
टी-20 महिला विश्वकप में सेमीफाइनल मुकाबले से ऐन पहले अनुभवी बल्लेबाज मिताली राज को टीम से बाहर करने को लेकर खड़ा विवाद और गहरा गया है। टीम की सीनियर खिलाड़ी और वनडे कप्तान मिताली राज ने एक सनसनीखेज खुलासे में प्रशासकों की समिति की सदस्य डायना एडुल्जी और कोच रमेश पोवार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि किक्रेट प्रबंधन की सत्ता में मौजूद कुछ लोग उन्हें बर्बाद करने की कोशिश कर रहे हैं।
Mithali Raj in a letter to BCCI: To him(coach Ramesh Powar) I didn’t exist in the team. If I was around he would immediately move away from the scene, if I looked to wish him he would deliberately start looking in other direction. https://t.co/bjMZ25dwd6
— ANI (@ANI) November 27, 2018
अपनी चुप्पी तोड़ते हुए मिताली ने आरोप लगाया कि उन्हें बाहर करने का समर्थन करने वाली एडुल्जी ने उनके खिलाफ अपने पद का फायदा उठाया। उन्होंने बीसीसीआई सीईओ राहुल जोहरी और क्रिकेट संचालन महाप्रबंधक सबा करीम को लिखे पत्र में कहा,‘मेरे 20 बरस के लंबे करियर में पहली बार मैंने अपमानित महसूस किया। मुझे यह सोचने पर मजबूर होना पड़ा कि देश के लिये मेरी सेवाओं की अहमियत सत्ता में मौजूद कुछ लोगों के लिए है भी या नहीं या वे मेरा आत्मविश्वास खत्म करना चाहते हैं ।’ उन्होंने कहा,‘मैं टी20 कप्तान हरमनप्रीत के खिलाफ कुछ नहीं कहना चाहती लेकिन मुझे बाहर रखने के कोच के फैसले पर उसके समर्थन से मुझे दुख हुआ।’
उन्होंने लिखा, 'मैं पहली बार देश के लिए विश्व कप जीतना चाहती थी और मुझे दुख है कि हमने गोल्डन चांस गंवा दिया' उन्होंने भारत की पूर्व कप्तान एडुल्जी पर भी आरोप लगाते हुए कहा, ‘मैंने हमेशा डायना एडुल्जी पर भरोसा जताया और उनका सम्मान किया। मैंने कभी यह नहीं सोचा कि वह मेरे खिलाफ अपने पद का दुरुपयोग करेंगी, खासकर तब जबकि वेस्टइंडीज में जो कुछ मेरे साथ हुआ, मैं उन्हें बता चुकी थी। मुझे सेमीफाइनल से बाहर रखने के फैसले को उनके समर्थन से काफी दुखी हूं क्योंकि उन्हें तो असलियत पता थी।’
मिताली ने लिखा, ‘यदि मैं कहीं आसपास बैठी हूं तो वह निकल जाते थे या दूसरों को नेट पर बल्लेबाजी करते समय देखते थे लेकिन मैं बल्लेबाजी कर रही हूं तो नहीं रुकते थे। मैं उनसे बात करने जाती तो फोन देखने लगते या चले जाते।’ उन्होंने कहा, ‘यह काफी अपमानजनक था और सभी को दिख रहा था कि मुझे अपमानित किया जा रहा है। इसके बावजूद मैने अपना आपा नहीं खोया।’
पैतीस बरस की मिताली ने ग्रुप स्टेज के मैचों में दो अर्धशतक जमाए थे। इसके बाद सेमीफाइनल से पहले उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया। इसमें इंग्लैंड ने भारत को आठ विकेट से हरा दिया था।
Last Updated Nov 27, 2018, 5:45 PM IST