असल में उत्तराखंड में हजारों की संख्या में गांब खाली हो गए थे। रोजगार के सिलसिले में दूसरे राज्यों में जाने वालों ने गांवों की तरफ रूख नहीं किया। जिसके बाद ये गांव आबादी विहीन हो गए थे। लेकिन अब इन गांवों में रौनक दिख रही है। ये गांवों वर्षों से खाली पड़े थे, लेकिन अब यहां पर लोगों का आना शुरू हो गया है। इसके साथ ही सरकार के लिए ये गांव वरदान साबित हुए हैं। क्योंकि सरकारी स्कूलों के अतिरिक्त राज्य सरकार के पास प्रवासियों को ठहराने की कोई व्यवस्था नहीं है।