जिस मसूद अजहर को इमरान खान के एक मंत्री संसद में मसूद अजहर साहब कह रहे थे उसके खिलाफ आज उसे कदम उठाने को मजबूर होना पड़ रहा है। भारत की सघन कूटनीति के सामने पाकिस्तान की कोशिश अंततः असफल हुई तथा चीन को समझ आ गया कि मसूद अजहर जैसे आतंकवादी को रक्षा कवच देना उसके लिए अब जोखिम भरा है। पाकिस्तान और चीन को यह महसूस कराना भारतीय विदेश नीति की सामान्य सफलता नहीं है।