नई दिल्लीः पंजाब के ब्यास में डेरा राधा स्वामी के मुखी यानी हेड अब जसदीप सिंह गिल होंगे। मुखी बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों ने यह ऐलान कर दिया है। वह उनके उत्तराधिकारी होंगे। जसदीप सिंह गिल, जो सुखदेव सिंह के पुत्र हैं, सोमवार से ही डेरा का सारा कार्यभार संभाल लेंगे और मिशन की जिम्मेदारियों को आगे बढ़ाएंगे। उन्हें संगत को गुरु का नाम देने का अधिकार भी सौंपा गया है।

दीक्षा और गुरु नाम देने का अधिकार

बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों की ओर से एक पत्र भी जारी किया गया है, जिसमें जसदीप सिंह गिल को डेरा का नया संरक्षक नियुक्त किया गया है। जसदीप गिल को दीक्षा देने और गुरु का नाम देने का अधिकार प्राप्त होगा। वह तत्काल प्रभाव से डेरा का नेतृत्व संभालेंगे और बाबा गुरिंदर सिंह की जगह लेंगे, पिछले कुछ समय उन्‍हें हेल्‍थ प्रॉब्‍लम है। 

बाबा गुरिंदर सिंह ने क्यों चुना उत्तराधिकारी?

बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों हृदय रोग और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं। उनकी बीमारी के कारण डेरा प्रबंधन में दिक्कतें आ रही थीं, जिसके चलते उन्होंने अपने उत्तराधिकारी के रूप में जसदीप सिंह गिल को चुना।

कौन हैं नए डेरा मुखी जसदीप सिंह गिल

जसदीप सिंह गिल, जो अब डेरा ब्यास के नए मुखी हैं, 45 साल के हैं और हाई एजूकेटेड हैं। बायोकेमिकल इंजीनियरिंग और बायोटेक्नोलॉजी में ग्रेजुएशन के साथ मास्टर डिग्री हासिल की है। इसके साथ ही उन्होंने कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से केमिकल इंजीनियरिंग में पीएचडी भी की है। जसदीप सिंह गिल का अनुभव सिर्फ धार्मिक क्षेत्र तक सीमित नहीं है, वह दवा कंपनी सिप्ला में भी काम कर चुके हैं। वह आईआईटी दिल्ली के पूर्व छात्र हैं।

क्या है डेरा ब्यास?

डेरा ब्यास एक बड़ा और प्रभावशाली धार्मिक स्थान है, जिसके सौ से अधिक देशों में सेंटर हैं। देश के कई हिस्सों में भी हजारों की संख्या में डेरे और आश्रम स्थापित हैं। इसके अलावा, डेरा ब्यास का राजनीतिक प्रभाव भी है। डेरा पंजाब और देश की राजनीति में अहम भूमिका निभाता है।

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