नई दिल्ली। सरकार राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के तहत आने वाले केंद्रीय कर्मचारियों को उनकी लास्ट सेलरी का 50% पेंशन के रूप में देने का आश्वासन देना चाहती है, ताकि पेमेंट को लेकर उनकी चिंताओं का समाधान किया जा सके। ऐसा तब है जबकि 2004 से भर्ती किए गए लोगों के लिए यह योजना वर्तमान में 25-30 वर्षों तक इन्वेस्ट करने वालों को हाई रिटर्न की पेशकश कर रही है।

साेमनाथन समिति के प्रस्ताव पर किया जा रहा है विचार
फाईनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण की घोषणा के बाद फाईनेंस सचिव टीवी सोमनाथन की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई थी। हालांकि केंद्र ने पुरानी पेंशन योजना (OPS) पर वापसी से समिति ने इनकार कर दिया है, लेकिन उसने ऐसे समय में एक निश्चित स्तर की राहत प्रदान करने का रास्ता खुला रखा है, जब कांग्रेस यूपीए गठबंधन की मनमोहन सिंह सरकार द्वारा लिए गए निर्णय को पलटने की घोषणा कर रही है।

आखिर क्या है OPS और NPS बेनीफिट में अतर?
OPS एक डिफाइंड बेनीफिट प्लान है, जिसमें लाइफ टाइम पेंशन के रूप में लास्ट सेलरी का आधा हिस्सा मिलता है और पे कमीशन की सिफारिशों के अनुरूप एडजेस्टमेंट के अधीन है। इसके विपरीत NPS एक डिफाइन कंट्रीब्यूशन स्कीम है, जहां एक गर्वनमेंट एंप्लाई अपने मूल वेतन का 10% कंट्रीब्यूट करता है और केंद्र सरकार 14% कंट्रीब्यूशन देती है। 

यहां जाने कौन गर्वनमेंट कितना देती है रिटर्न?
सेंट्रल गर्वनमेंट की स्कीम का रिटर्न (शुरूआत से % में रिटर्न)
SBI पेंशन फंड 9.73%
LIC पेंशन फंड 9.56 %
UTI रिटायरमेंट सर्विसेज 9.52%

स्टेट गर्वनमेंट की स्कीम का रिटर्न (शुरूआत से % में रिटर्न)
LIC पेंशन फंड 9.53%
UTI रिटायरमेंट सर्विसेज 9.49%
SBI पेंशन फंड 9.45%
8 जुलाई, 2024 तक रिटर्न। सोर्स: NPS ट्रस्ट

कितने परसेंट गारंटी रिटर्ज देने की तैयारी में है गर्वनमेंट?
सोमनाथन कमेटी ने ग्लोबल वाईज के साथ-साथ आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा किए गए सुधार के रिजल्ट पर भी गौर किया है तथा गारंटेड रिटर्न देने के प्रभाव का असिस्मेंट करने के लिए कंप्रहेंसिव कैलकुलेशन भी की है। हालांकि केंद्र सरकार के लिए 40-45% गारंटी देना संभव है, लेकिन राजनीतिक रूप से यह 25-30 साल से काम कर रहे कर्मचारियों की चिंता को दूर नहीं करता। नतीजतन, सरकार के भीतर 50% गारंटी देने की स्वीकार्यता बढ़ रही है। इसका मतलब है कि कमी होने पर सरकार इस कमी को पूरा करेगी।

कंपनियों की तर्ज पर इंप्लाईज को पेंशन देना चाहती है सरकार
इसका अर्थ यह है कि वार्षिक असिस्मेंट भी करना होगा, क्योंकि कमेटी के कई मेंबरों का मानना है कि सरकारी पेंशन प्रॉसेस के विपरीत, जो फंडिंग नहीं है, क्योंकि केंद्र के पास रिटायरमेंट फंड नहीं है। यह संभावना है कि इस बार भी केंद्र एक फंड बनाएगा, जिसमें पैसा अलग रखा जाएगा। जैसा कि उन कंपनियों के मामले में होता है, जो अपने कर्मचारियों के लिए  रिटायरमेंट बेनीफिट देती हैं।

कौन लोग कर रहे हैं कम पेमेंट की कंप्लेन?
अधिकारियों का कहना है कि जो लोग 25-30 वर्षों तक नौकरी में बने रहते हैं, उन्हें OPS के तहत मिलने वाली पेंशन पेमेंट के बराबर पर्याप्त लाभ मिल रहा है तथा कम पेमेंट की कंप्लेन केवल उन लोगों से आ रही हैं, जो 20 वर्ष या उससे कम सर्विस पूरी करने के बाद इस स्कीम से बाहर निकल गए हैं।



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