Driving License Rule: अगर आप ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के बारे में सोच रहे हैं, तो यह आपके लिए सही समय साबित हो सकता है। ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के दौरान टेस्ट किसी भी यूजर के लिए सबसे ज्यादा परेशानी भरा होता है। लाइसेंस बनवाने के लिए आपको एक टेस्ट पास करना होता है। अगर आप टेस्ट पास नहीं कर पाते हैं, तो आपका ड्राइविंग लाइसेंस नहीं बन सकता है।

DL बनवाने के लिए किसे नहीं होती टेस्ट की जरूरत?
ड्राइविंग लाइसेंस के नियम समय के साथ बदलते रहते हैं। अगर आप युवा हैं, तो आपको लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस के लिए अप्लाई करना होगा। इसके लिए आपको किसी टेस्ट की जरूरत नहीं है, लेकिन अगर आप लर्निंग लाइसेंस बनवाते हैं, तो आप सिर्फ गियरलेस गाड़ी या स्कूटर ही चला सकते हैं। साथ ही लर्निंग लाइसेंस के लिए ड्राइविंग टेस्ट की भी जरूरत नहीं होती है।

कब पड़ती है लर्निंग लाईसेंस की जरूरत?
ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने से पहले आपको लर्निंग लाइसेंस की जरूरत होती है। लर्निंग लाइसेंस का मतलब है कि आप इस दौरान गाड़ी चलाना सीख सकते हैं। इसके बाद आपको ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए ड्राइविंग टेस्ट देना होता है। टेस्ट पास करने के बाद आपको ड्राइविंग लाइसेंस जारी कर दिया जाता है। इससे पहले लर्निंग लाइसेंस जारी किया जाता है, जिसके लिए किसी टेस्ट की जरूरत नहीं होती।

रेगुलर DL के लिए कब कर सकते हैं अप्लाई?
टेस्ट पास करने के बाद ही RTO ड्राइविंग लाइसेंस जारी करता है। लर्निंग लाइसेंस से गाड़ी चलाते समय आपको कई नियमों का खास ख्याल रखना होता है। जब भी आप लर्निंग लाइसेंस से गाड़ी चलाएंगे तो आपको गाड़ी के पीछे और आगे 'L' लिखा हुआ मिलेगा। यही वजह है कि कई लोग लर्निंग लाइसेंस से गाड़ी चलाते समय कई नियमों का खास ख्याल रखते हैं। दिल्ली में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना आपके लिए थोड़ा आसान हो जाता है। आप इसके लिए आसानी से ऑनलाइन भी अप्लाई कर सकते हैं, लेकिन टेस्ट और डॉक्यूमेंट के लिए आपको RTO से संपर्क करना होगा।


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