EPFO: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के 27.74 करोड़ एकाउंट होल्डरों के लिए Good News है। EPFO ने अपने एकाउंट होल्डरों की जरूरतों का ध्यान रखते हुए ऑटो क्लेम फैसेलिटी बढ़ा दी है। शुरू में ऑटो क्लेम में सिर्फ बीमारी में एडवांस एमाउंट लेने की सुविधा मिलती थी। ईपीएफओ ने अब इसमें होम, एजूकेशन और विवाह को भी जोड़ दिया है। 

EPFO: अभी तक किस जरूरत के लिए मिलता था एडवांस क्लेम?
EPFO एकाउंट होल्डर अब अपनी जरूरत के अनुसार एडवांस एमाउंट के लिए ऑटो क्लेम फैसेलिटी का लाभ ले सकते हैं। EPFO ने इसे 'ईज ऑफ लिविंग' के तहत विस्तार दिया है। जिसका मकसद आटो मोड दावों का फटाफट निबटारा करना है। 

EPFO: ऑटो क्लेम में अब कितनी मिलेगी रकम?
EPFO ने जो स्वत: दावा समाधान (automatic claim resolution) शुरू किया है, उसके तहत दावे को बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के IT सिस्टम द्वारा ऑटोमैटेकली प्रोसेज किया जाता है। EPFO ने दावा निपटान का ऑटो मोड अप्रैल 2020 में बीमारी के लिए एडवांस एमाउंट के उद्देश्य से शुरू किया गया था। अब इसकी सीमा बढ़ाकर 1,00,000 रुपये तक कर दी गई है। 

EPFO: कितने एकाउंट होल्डर की समस्याओं का हुआ निपटान?
चालू फाईनेसियल ईयर में करीब 2.25 करोड़ मेंबरों को इस सुविधा का लाभ मिलने की उम्मीद है। फाईनिंसियल ईयर 2023-24 में EPFO ने 4.45 करोड़ दावों का निपटारा किया था। जिनमें से 60% से अधिक (2.84 करोड़) दावे एडवांस क्लेम थे। 

EPFO: ईज ऑफ लिविंग के तहत बढ़ाया गया दायरा
'ईज ऑफ लिविंग' का मतलब जीवनयापन में आसानी" को सुगम बनाने के लिए ऑटो क्लेम समाधान अब ईपीएफ योजना, 1952 के अनुच्छेद 68के (शिक्षा और विवाह के उद्देश्य) और 68बी (आवास के उद्देश्य) के तहत सभी प्रकार के क्लेम के लिए बढ़ा दिया गया है। साथ ही इसकी सीमा 50,000 से बढ़ा कर 1,00,000 रुपये कर दी गई है।

EPFO: एडवांस क्लेम पीरियड भी घटा
KYC, पात्रता और बैंक वेरीफिकेशन के साथ कोई भी क्लेम IT टूल द्वारा ऑटोमेटेकिली भुगतान के लिए  प्रॉसेज किया जाता है। एडवांस क्लेम के लिए क्लेम सेटेलमेंट पीरियड 10 दिन से घटकर 3-4 दिन के भीतर हो गया है। सिस्टम द्वारा वैलिड नहीं होने वाले क्लेम को लौटाया या अस्वीकार नहीं किया जाता। उन्हें दूसरे स्तर की जांच और एप्रूवल के लिए भेजा जाता है।

EPFO:  कब से बढ़ा ऑटो क्लेम का दायरा?
ऑटो क्लेम 6 मई 2024 को पूरे देश में शुरू किया गया और तब से EPFO ने त्वरित सेवा प्रोवाइड करने वाली इस पहल के जरिए 45.95 करोड़ रुपये के लिए 13,011 क्लेम को मंजूरी दी है। अभी तक ऑटो-मोड निपटान की सुविधा, बीमारी के लिए एडवांस एमाउंट 50,000 रुपए तक दिया जाता था। जिसे बढ़ाकर 1,00000 रुपए तक कर दिया गया है। 

 

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