PF Withdrawal Rules: संगठित क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए PF में जमा रकम बहुत बड़ा सहारा है। कर्मचारी जरूरत पड़ने पर अपने PF एकाउंट से पैसा निकालते हैं। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) अलग-अलग जरूरतों के लिए पैसे निकालने की सुविधा देता है।

PF में इन्वेस्टमेंट करने का क्या है बेनीफिट?
आपको बता दें कि EPF योजना का मुख्य उद्देश्य संगठित क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों के रिटायरमेंट के बाद के जीवन को सुनिश्चित रिटायरमेंट फंड और पेंशन के जरिए फाईनेंसियल रूप से सुरक्षित करना है। हालांकि, कर्मचारी योजना की मेच्योरिटी से पहले भी अपने EPF एकाउंट से आंशिक या पूरी तरह से फंड निकाल सकते हैं। हालांकि, हाल ही में EPFO ​​ने विड्राल रूल में बदलाव किया है। इसके बाद टैक्स का बोझ बढ़ गया है। आइए जानते हैं क्या है EPFO ​​का नया नियम?

नया EPF विड्रॉल रूल क्या है?
सामान्य परिस्थितियों में यदि आप बिना किसी ब्रेक या गैप के रेगुलर नौकरी करते रहते हैं, तो आप रिटायरमेंट से पहले प्रोविडेंट फंड नहीं निकाल सकते हैं। हालांकि, कुछ परिस्थितियों में फंड की आंशिक निकासी की अनुमति है, जैसे कि मेडिकल इमरजेंसी, हाई एजूकेशन और घर खरीदना या बनाना। यदि कोई कर्मचारी अपनी नौकरी खो देता है, तो वह एक महीने की बेरोजगारी के बाद EPF का 75% और दो महीने के बाद पूरा 100% निकाल सकता है। लेकिन इसके लिए कर्मचारी को बेरोजगारी घोषित करनी होगी।

कब विड्रॉल पर 30% देना पड़ेगा टैक्स?
PF फंड की आंशिक या पूरी तरह से टैक्स-फ्री विड्राॅल के लिए यह अनिवार्य है कि PF सब्सक्राइबर ने EPFO ​​योजना के तहत 5 साल का कंट्रीब्यूशन पूरा कर लिया हो। हालांकि, अगर विड्रॉल एमाउंट 50,000 रुपये से कम है, तो कोई टैक्स नहीं देना होगा। अगर एकाउंट ओपेन के 5 साल के भीतर EPF विड्रॉल एमाउंट 50,000 रुपये से अधिक है, तो EPF सब्सक्राइबर को 10% का TDS देना होगा, बशर्ते उसके पास पैन कार्ड हो। पैन के बिना यह टैक्स लायबिलिटी 30% हो जाती है।


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