Hindenburg Research, जिसने अदाणी ग्रुप समेत कई बड़ी कंपनियों की वित्तीय गड़बड़ियों का खुलासा किया, अब बंद हो रही है। जानिए फाउंडर नेथन एंडरसन की कहानी और कंपनी को बंद करने के पीछे की वजह।
नई दिल्ली। दुनियाभर में चर्चित अमेरिकी शॉर्ट-सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च पर ताला लगने जा रहा है। 2017 में स्थापित यह कंपनी बड़े-बड़े कॉरपोरेट्स की फाइनेंशियल गड़बड़ियों का पर्दाफाश करने का दावा करती रही है। हाल ही में, इसके फाउंडर और प्रमुख विश्लेषक नेथन एंडरसन ने कंपनी को बंद करने का ऐलान किया है। यह खबर कई सवाल खड़े करती है। आइए जानते हैं कि हिंडनबर्ग रिसर्च क्यों बंद हो रही है और इसके फाउंडर नेथन एंडरसन कौन हैं।
हिंडनबर्ग रिसर्च क्यों बंद हो रही है?
हिंडनबर्ग रिसर्च को बंद करने का निर्णय खुद नेथन एंडरसन ने लिया है। उन्होंने कहा कि यह फैसला "व्यक्तिगत और सोच-समझकर लिया गया है।" हालांकि एंडरसन ने कंपनी को बंद करने स्पष्ट तौर पर कोई कारण नहीं बताया। उन्होंने कहा कि कंपनी बंद करने के फैसले के पीछे न ही कोई कानूनी समस्या, न स्वास्थ्य संबंधी मुद्दा, और न ही कोई व्यक्तिगत विवाद है।
एंडरसन ने कहा कि कंपनी ने जिस मकसद से शुरुआत की थी, वह अब पूरा हो चुका है।
इन कंपनियों पर भारी पड़े थे आरोप
हिंडनबर्ग रिसर्च ने कई बड़ी कंपनियों के खिलाफ रिपोर्ट प्रकाशित की, जिनमें उन्होंने गंभीर फाइनेंशियल धांधली का आरोप लगाया था।
अदाणी ग्रुप
भारत के अदाणी ग्रुप पर लगे आरोपों ने कंपनी को अरबों डॉलर का नुकसान पहुंचाया। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अदाणी ग्रुप की लिस्टेड कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई। इसने गौतम अदाणी को दुनिया के चौथे सबसे अमीर शख्स से टॉप 20 से भी बाहर कर दिया।
इकान एंटरप्राइजेज
अमेरिका की इकान एंटरप्राइजेज को भी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट का सामना करना पड़ा। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट न केवल कंपनियों की साख पर असर डालती थी, बल्कि शेयर बाजार में उनकी स्थिति को भी कमजोर कर देती थी।
कौन हैं नेथन एंडरसन?
नेथन एंडरसन ने 2017 में हिंडनबर्ग रिसर्च की स्थापना की। उनका मकसद कंपनियों की फाइनेंशियल गड़बड़ियों का पर्दाफाश करना था। एंडरसन ने कई रिपोर्ट्स के जरिए कंपनियों की कथित धोखाधड़ी और गड़बड़ियों को उजागर किया। एंडरसन अपने काम के चलते हमेशा विवादों में रहे। आलोचनाओं का सामना करते हुए भी उन्होंने कहा कि उनका मकसद इंवेस्टर्स के हितों की रक्षा करना है। हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट्स के जरिए दुनिया भर में निवेशकों और कंपनियों को झकझोर कर रख दिया।
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Last Updated Jan 16, 2025, 4:44 PM IST