How to invest in Mutual Funds: आमतौर पर म्यूचुअल फंड्स में इंवेस्टमेंट का विचार आते ही हमे SIP का ध्यान आता है। पर कुछ लोग म्यूचुअल फंड्स में सीधे इंवेस्टमेंट करना पसंद करते हैं। उसकी वजह भी है। दरअसल, रेगुलर म्यूचुअल फंड्स से हम SIP के तौर परिचित हैं, जबकि डायरेक्ट म्यूचुअल फंड्स में हम खुद फंड चुनकर इंवेस्ट करते हैं। आइए इसके अंतर के बारे में जानते हैं। 

म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले समझ लें ये बातें

दोनों म्यूचुअल फंड्स के बीच एक बड़ा अंतर होता है। रेगुलर म्यूचुअल फंड में एक्सपेंस का रेशियो डायरेक्ट म्यूचुअल फंड से ज्यादा होता है। उसकी भी वजह है, क्योंकि रेगुलर म्यूचुअल फंड में हम जो पैसा इंवेस्ट करते हैं। वह एक फंड मैनेजर के जरिए इंवेस्ट होता है। वह उसके बदले अपना कमीशन लेता है। इसीलिए रेगुलर फंड में एक्सपेंस ज्यादा होते हैं, जबकि डायरेक्ट म्यूचुअल फंड में आप सीधे निवेश करते हैं। अपना इंवेस्टमेंट प्लान खुद चुनते हैं। इस वजह से आपको कोई कमीशन नहीं देना पड़ता। दोनों ही फंड्स के अपने फायदे हैं। SIP से आपके अंदर इंवेस्टमेंट की हैबिट डेवलप होती है, जबकि डायरेक्ट फंड से आप अच्छी कमाई कर सकते हैं।

इन SIP फंड्स ने पिछले एक साल में किया अच्छा परफॉर्मेंस

क्वांट लार्ज एंड मिडकैप फंड 

-इस फंड का पिछले एक साल के दौरान अच्छा परफार्मेंस रहा। इंवेस्टर्स को सालाना 72.31 फीसदी ब्याज मिला।

क्वांट एक्टिव फंड 

-इस फंड ने पिछले एक साल में अपने निवेशकों को खुश कर दिया। सालाना 58.61 प्रतिशत ब्याज दिया।

क्वांट फोकस्ड फंड 

-क्वांट फोकस्ड फंड का एक साल के दौरान जबरदस्त परफॉर्मेंस रहा। इस फंड ने भी अपने इंवेस्टर्स को मालामाल कर दिया। सालाना 56.24 प्रतिशत ब्याज दिया। 

कोटक इक्विटी ऑपोर्च्यूनिटीज फंड 

-इस फंड ने अपने निवेशकों को पिछले एक साल के दौरान 47.02 प्रतिशत ब्याज दिया। 

एडेलवाइस लार्ज और मिडकैप फंड 

-इस फंड ने निवेशकों को साल भर में 37.95 प्रतिशत रिटर्न दिया।

(इस लेख में दी गई जानकारी को इंवेस्टमेंट की सलाह न मानें। यहां सिर्फ सूचना प्रदान की गई है। किसी भी तरह के निवेश से पहले एक्सपेर्ट या अपने वित्तीय सलाहकार की राय लें।)