New Tax Regime: फाईनेंसियल ईयर 2024 के लिए यदि आप भी इनकम टैक्स रिटर्न (ITR ) फाइल करने जा रहे हैं तो टैक्स रूल में हुए चेंज के बारे में जान ले अन्यथा आपका रिफंड अटक सकता है। ITR दाखिल करने की लास्ट डेट 31 जुलाई 2024 है। इसी दौरान टैक्स रिलेटेड रूल्स में कई चेंजिंग हुई है, जिनके बारे में एक टैक्सपेयर्स को जानना बहुत जरूरी है। 

1. टेक्स स्लैब-रेट में क्या हुई चेंजिंग?
सेंट्रल गर्वनमेंट ने 2024 में ऑप्शनल न्यू टैक्स रिजिम के अंतर्गत न्यू टैक्स स्लैब जारी किए हैं, जो बिना किसी छूट और डिडेक्शन के कम टैक्स रेट देते हैं। ओल्ड टैक्स रिजिम चुनने वाले  विभिन्न डिडेक्शन और छूट के लिए क्लेम कर सकते हैं। न्यू टैक्स रिजीम प्रॉसेस को सरल बनाते हैं।

2. पेंशनर्स के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन क्या है?
पेंशनर्स के लिए 50,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन शुरू किया गया है। ये पेंशन इनकम पर लागू होने की वजह से सैलरीड क्लास के लिए उपलब्ध राहत के समान है। पेंशनर्स को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनकी टैक्स योग्य इनकम को कम करने के लिए इस डिडेक्शन का क्लेम किया जाए या नहीं।

3. सेक्शन 80C- 80D की लिमिट में चेंजिंग
PPF, NSC एवं लाईफ इंश्योरेंस प्रीमियम में इन्वेस्ट करके सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक की छूट पा सकते हैं। हालांकि हेल्थ सेक्टर में डिजिटल पेमेंट और सेविंग को बढ़ावा दिया गया हैं, जो मेडिकल इंश्योरेंस के लिए सेक्शन 80D के तहत बढ़ी हुई लिमिट में लागू होता है। टैक्सपेयर्स अब अपनी फैमिली एवं सीनियर सिटिजन के हेल्थ एंश्योरेंस के लिए पेमेंट किए गए प्रीमियम के लिए हाई टैक्स डिडक्शन का क्लेम कर सकते हैं।

4. होम लोन के इंटरेस्ट रेट पर मिलेगी ज्यादा छूट
इनकम टैक्स के सेक्शन 80EEA के तहत लिए गए होम लोन पर इंटरेस्ट रेट के लिए 1.5 लाख रुपये के एक्स्ट्रा डिडेक्शन बढ़ा दिया गया है। जिसका मकसद नए होम लोन वाले टैक्सपेयर्स को रिलीफ देना है। नए रूल्स में नॉन-सैलरीड पर्सन और खुद के बिजिनेस के लिए नई TDS रेट और ई-कॉमर्स ट्रांजेक्शन के लिए एक्स्ट्रा कंप्लाएंस रिक्वायरमेंट शामिल है। टैक्सपेयर्स को अपने TDS सर्टिफिकेट्स का रिव्यू करके ये तय करना चाहिए कि उनके ITR में फेयर क्रेडिट का क्लेम किया गया है।

5. फेसलेस असेसमेंट-अपील मेकनिज्म का किया एक्सटेंसन
गर्वनमेंट ने ह्यूमन इंटरफेस को कम करने और ट्रांसपेंरेंसी में सुधार करने के लिए फेसलेस असेसमेंट और अपील मेकनिज्म का एक्सटेंसन किया है। टैक्सपेयर्स को प्रॉसेस से फैमर्लिटी होना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी नोटिस के आंसर फिक्स टाइम लिमिट के भीतर ऑनलाइन हो जाएं।

6. ITR फॉर्म में किया गया ये चेंज
ITR फॉर्म में एक्स्ट्रा खुलासे के लिए संशोधन किया गया है। खासतौर पर फॉरेन एसेस्ट और इनकम तथा बड़े ट्रांजेक्शन के संबंध में खुलासा करने के लिए रूल में चेंजिंग की गई है। फारेन इन्वेस्टमेंट या महत्वपूर्ण फाईनेंसियल एक्टिविटीज वाले टैक्सपेयर्स को जुर्माने से बचने के लिए डिटेल इन्फारमेशन देने की आवश्यकता है।

7. सीनियर सिटीजन को दी गई इस तरह की रिलीफ
75 वर्ष या उससे ज्यादा एज के सीनियर सिटीजन, जिनकी केवल पेंशन और इंटरेस्ट इनकम है, उन्हें ITR दाखिल करने से छूट दी गई है। बशर्ते बैंक आवश्यक टैक्स काटता हो। जिससे सीनियर सिटिजन को इनकम टैक्स के झमेले से बच सकेंगे। 

 


ये भी पढ़ें...
ओल्ड टैक्स रिजीम में इतने लाख रुपए तक की इनकम वालों के लिए आ सकती है Good News! यहां पढ़ें पूरी डिटेल