ITR Filing: इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की लास्ट डेट 31 जुलाई 2024 है। इस बीच कई नौकरीपेशा लोग यह नहीं समझ पा रहे हैं कि उन्हें न्यू टैक्स रिजीम में जाना चाहिए या ओल्ड। पिछले साल के बजट में न्यू टैक्स रिजीम को डिफॉल्ट ऑप्शन बना दिया गया है। यानी जिन लोगों ने टैक्स व्यवस्था चुनने के बारे में अपने एंप्लायर को जानकारी नहीं दी है, उन पर नई टैक्स व्यवस्था के हिसाब से टैक्स लगेगा। आइए जानते हैं कि किसे न्यू टैक्स रिजीम में शिफ्ट होना चाहिए और क्यों।

पहले जानें क्या है न्यू टैक्स रिजीम?
वित्त वर्ष 2023-24 के लिए न्यू टैक्स रिजीम के तहत 3 लाख रुपये तक की इनकम पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। वहीं, 3-6 लाख रुपये तक की इनकम पर 5 फीसदी टैक्स लगेगा। 6-9 लाख रुपये की इनकम पर आपको 10 प्रतिशत टैक्स देना होगा। 9-12 लाख रुपये की इनकम पर 15 प्रतिशत टैक्स लगेगा। 12 से 15 लाख रुपये की इनकम पर आपको 20 प्रतिशत टैक्स देना होगा। वहीं, 15 लाख रुपये से अधिक की इनकम पर आपको 30 प्रतिशत टैक्स देना होगा। ध्यान रहे कि अगर आपकी इनकम 7 लाख रुपये तक है तो छूट के साथ आपकी पूरी इनकम, टैक्स फ्री हो जाएगी।

आपको मिलेंगे ये 3 डिडेक्शन
नई टैक्स व्यवस्था के तहत टैक्स के रेट बहुत कम है, लेकिन डिडक्शन लिमिटेड है। नई टैक्स व्यवस्था में केवल 3 डिडक्शन उपलब्ध हैं।
1: पहला है स्टैंडर्ड डिडक्शन, जिसके तहत वेतनभोगी लोगों को 50,000 रुपये तक की टैक्स छूट मिलती है।
2: दूसरा डिडक्शन 80CCD (2) के तहत कॉर्पोरेट NPS में किया गया इन्वेस्ट है। इसके तहत प्राइवेट कंपनियों के कर्मचारी अपने बेसिक सेलरी और महंगाई भत्ते का 10 प्रतिशत तक NPS  में इन्वेस्ट कर सकते हैं और इस पर आपको टैक्स छूट मिलेगी। अगर आप गर्वनमेंट एंप्लाई हैं तो आपके लिए यह डेटा 14 प्रतिशत तक हो सकता है।
3: इसके अलावा अग्निपथ योजना में 80CCH के तहत तीसरा डिडक्शन किया जाता है। इसमें कर्मचारी या सरकार द्वारा अग्निवीर कॉर्पस फंड में जो भी पैसा लगाया जाता है, वह टैक्स फ्री होता है।

न्यू टैक्स रिजीम में किसे शिफ्ट होना चाहिए?
अगर आप ज्यादा निवेश नहीं करते हैं और ओल्ड टैक्स रिजीम के तहत सेविंग-इन्वेस्टमेंट, इंश्योरेंस, मेडिकल, NPS आदि जैसी सुविधाएं नहीं ले रहे हैं तो आपके लिए न्यू टैक्स रिजीम बेहतर है। साथ ही अगर आप किराया नहीं देते हैं और आपके पास होम लोन नहीं है तो भी नई टैक्स व्यवस्था आपके लिए बेहतर रहेगी। पुरानी टैक्स व्यवस्था में इन सभी चीजों पर एक निश्चित सीमा तक टैक्स छूट मिलता है, जिसके कारण यह आकर्षक लगती है, लेकिन यदि आप उन चीजों पर टैक्स बेनीफिट नहीं लेते हैं, तो नई कर व्यवस्था में आने से आपको लाभ होगा और इनकम टैक्स काफी कम लगेगा।

 


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