पुलिस और थाने का नाम आते ही एक आम आदमी कटने लगता है। उस पर अगर उसका किसी थाने से अथवा पुलिस वाले का बुलावा आ गया तो वह अनायास ही पसीने छोड़ देता है। खुदा न खास्ता अगर पुलिस वाले ने फोन पर धमकाने के लहजे में बोल दिया तो आदमी और घबरा जाता है। उसके बाद वह मदद के लिए इधर-उधर छटपटाने लगता है। अगर आपके साथ भी ऐसा ही कुछ होता है तो ठहरिए। हम आपको पुलिस और थाने से बुलावा आने के बाद आपकी ओर से उठाए जाने वाले कदम के बारे में कानूनी सलाह देने जा रहे हैँ। 

थाने से फोन आने पर घबराने के बजाय इत्मिनान से पूछे पूरी बात
मान लिजिए आपके खिलाफ किसी ने कोई कंप्लेन दर्ज कराई है अथवा कोई FIR दर्ज हो गई है। थाने से कोई पुलिस वाला आपको फोन करके थाने आने को कहता है, तो आप क्या करेंगे। तुरंत अथवा जिस वक्त वह पुलिस वाला बुलाएगा, आप थाने पहुंच जाएंगे। नहीं, बिल्कुल नहीं। आपको जल्दबाजी करने की जरूरत नहीं है। आप फोन करने वाले पुलिस मैन से अपने कानूनी अधिकार का हवाला देते हुए धारा 41 A की नोटिस की डिमांड कर सकते है। 

41A की नोटिस की कर सकते हैं डिामंड
धारा 41 A एक ऐसा सरकारी दस्तावेज है, जिसको पुलिस काे देना ही होता है। धारा 41A की नोटिस का मतलब होता है कि किसी भी प्रकरण में अगर किसी को पुलिस थाने बुलाती है तो पहले उसे एक नोटिस सर्व कराए। ये नोटिस डाक से भेजी जा सकती है या फिर हैंड टू हैंड दी जा सकती है। फोन पर अथवा मौखिक रूप से यह नहीं मान्य होती। यहीं नहीं फोन करने वाले पुलिस मैन से आप उसका नाम और पद पूछ सकते हैं। यहीं नहीं थाने किस लिए बुलाया जा रहा है, इसके बारे में भी जानकारी लेने का आपको अधिकार होता है। 

इन बातों का भी रखें ध्यान 
एक बात और अगर आप कहीं बाहर हैं और आपको 41A की नोटिस मिलती है तो आप एक लिखित रिक्वेस्ट के साथ पत्र थाने को भेज सकते हैं। जिसमें आप अपनी व्यस्तता का हवाला देकर अगली तारीख की डिमांड कर सकते हैं। पुलिस आपकी डिमांड और प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए आपकों अगली तारीख दे दगी। इसलिए आगे से जब भी आपको थाने से अथवा किसी पुलिस वाले का बुलावा आए तो इन बातों का जरूर ध्यान रखें। क्योंकि ये आपका कानूनी अधिकार है। 

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