लोकसभा चुनाव 2024 के लिए 14 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूपी की वाराणसी लोकसभा सीट से तीसरी बार अपना नामांकन दो सेट में दाखिल किया। पीएम मोदी ने इस बार भी अपने प्रस्तावकों को रिपीट नहीं किया है। इस बार भी 4 नए प्रस्तावक बुलाए गए थे। खास बात यह रही कि चारों प्रस्तावक अलग-अलग समुदाय के थे। इनमें 1 ब्राह्मण, 2 ओबीसी और एक दलित समाज से हैं। कौन हैं ये प्रस्तावक, क्या होता है प्रस्तावकों का काम, इस आर्टिकल में आपकों देखने को मिलेगा।

ये हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 4 नए प्रस्तावक


 

1. पंडित गणेश्वर शास्त्री
पंडित गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ मूल रूप से दक्षिण भारत के रहने वाले हैं। अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही नरेंद्र मोदी के पहली बार प्रधानमंत्री बनने और राम मंदिर के शिलान्यास पूजन से संबंधित मुहूर्त भी उन्होंने ही निकाला था। वह काशी के रामघाट पर रहते हैं। यहीं पर एक संस्कृत विद्यालय भी संचालित होता है। काशी में संचालित होने वाला यह संस्कृत स्कूल गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ के दादा जी के पहले उनके पूर्वजों ने स्थापित किया था। उनके परिवार के लोग स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे हैं। शहीद राजगुरु भी इस विद्यालय में पढ़ चुके हैं।

 

2. बैजनाथ पटेल
OBC वर्ग से आने वाले बैजनाथ पटेल हरोज गांव के रहने वाले हैं।1995 से सन 2000 तक ग्राम प्रधान रहे बैजनाथ जनसंघ के वक्त से पार्टी से जुड़े हैं। वाराणसी के पुराने भाजपा नेता होने के साथ ही पीएम मोदी के भरोसेमंद माने जाते हैं। 

 

3. लालचंद कुशवाहा
वाराणसी के कैंट विधानसभा क्षेत्र में रहने वाले लालचंद कुशवाहा ओबीसी वर्ग से आते हैं। भाजपा मंडल अध्यक्ष होने के साथ ही पार्टी में सक्रिय हैं और अपने वर्ग में अच्छी पकड़ रखते हैं।

 

4. संजय सोनकर
भाजपा जिला महामंत्री संजय सोनकर दलित वर्ग से आते हैं। पीएम मोदी के भरोसेमंदों की लिस्ट में शामिल संजय सोनकर की 2022 में बरेका हेलीपैड पर पीएम से मुलाकात करने समय उनकी तस्वीर सामने आई थी। 

 

ये हैं पीएम मोदी के दो चुनावों के पहले प्रस्तावक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2014 के लोगसभा चुनाव में जस्टिस गिरिधर मालवीय, अशोक कुमार, पं. छन्नूलाल मिश्रा और वीरभद्र निषाद प्रस्तावक थे। 2019 में पं. मदन मोहन मालवीय की मानस पुत्री प्रो. अन्नपूर्णा शुक्ला, डा. उमाशंकर पटेल, डोम राजा जगदीश चौधरी और सुभाष गुप्ता को पीएम मोदी का प्रस्तावक बनाया गया था। 

 

क्यों पड़ती है प्रस्तावक की जरूरत?
किसी भी चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। चुनाव आयोग के निर्देश के मुताबिक प्रस्तावक लोकल स्तर के वे लोग हैं, जो किसी भी कैंडिडेट को चुनाव लड़ने के लिए अपनी तरफ से प्रस्ताव रखते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए वीआईपी कैंडिडेट के लिए 4 और आम कैंडिडेट के लिए 10 प्रस्तावकों की जरूरत होती है। चुनाव नामांकन नियमों के अनुसार यदि कोई कैंडिडेट किसी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल के कैंडिडेट के रूप में चुनाव लड़ रहा है तो निर्वाचन क्षेत्र के एक मतदाता को उसकी उम्मीदवारी का प्रस्ताव देना आवश्यक होता है। 

 


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