Electricity KYC: मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने 16 जिलों के 50 लाख उपभोक्ताओं के लिए KYC (नो योर कस्टमर) प्रॉसेस शुरू करने की घोषणा की है। इस प्रॉसेस में भोपाल शहर के 6 लाख कंज्यूमर्स भी शामिल हैं। इस नई प्रक्रिया का उद्देश्य बिजली कनेक्शन होल्डर्स की सटीक पहचान सुनिश्चित करना और कंपनी के डेटाबेस को अपडेट करना है, जो लगभग 30 साल पुराना है।

कैसे पूरी कराई जाएगी KYC प्रक्रिया?
इस प्रॉसेस के तहत कंपनी के ऑथराईज्ड मीटर रीडर कंज्यूमर्स के घर-घर जाकर KYC करेंगे। वे अपनी फोटो ID के साथ आएंगे और डिटेल ID, प्रॉपर्टी ID, मोबाइल नंबर, बैंक एकाउंट जैसी पर्सनल इंफारमेशन को अपडेट करेंगे। यह जानकारी निष्ठा एप का यूज करके POS मशीन के माध्यम से एकत्र की जाएगी। शहरी क्षेत्रों में प्रॉपर्टी ID भी ली जाएगी, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में इसका चयन नहीं किया जाएगा।

KYC कराने का क्या होगा बेनीफिट?
इस KYC प्रॉसेस से बिजली कंज्यूमर्स को कई लाभ प्राप्त होंगे। जैसे कि उपभोक्ता राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ आसानी से ले सकेंगे और बिजली के लोड के सही उपयोग का पता चल सकेगा। साथ ही भविष्य में बिजली आपूर्ति से संबंधित योजनाओं को बनाने में भी मदद मिलेगी।

बिजली चोरी करने वालों के लिए दिया जा रहा ये स्पेशल ऑफर
बिजली चोरी और फ्रॉड करने वाले उपभोक्ताओं के लिए भी एक नया ऑप्शन पेश किया गया है। अब वे कंपनी की वेबसाइट portal.mpcz.in पर जाकर अपने विजिलेंस बिल का ऑनलाइन पेमेंट कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें वेबसाइट के LT सर्विसेज में दिए गए व्यू/पे बिल ऑप्शन पर जाकर विजिलेंस बिल के तहत कंज्यूमर नंबर या पंचनामा/पेज नंबर दर्ज करना होगा।

सरकारी स्कीमों का लाभ लेने में मिलेगी मदद
कंपनी का मानना है कि इस प्रॉसेस से उपभोक्ताओं की सही पहचान हो सकेगी और मोबाइल नंबर को सही तरीके से टैग करने में मदद मिलेगी। इस KYC प्रॉसेस के बाद उपभोक्ताओं को राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ लेने में भी आसानी होगी।

 


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