महाकुंभ 2025 के लिए प्रयागराज के संगम तट पर 12 किलोमीटर क्षेत्र में 7 भव्य स्नान घाट तैयार किए गए हैं। जानें महिलाओं के लिए चेंजिंग रूम, सुरक्षा, सफाई और आधुनिक सुविधाओं के बारे में।
महाकुम्भ नगर। महाकुंभ 2025 का भव्य आयोजन प्रयागराज के संगम तट पर किया जा रहा है। देश-विदेश से लाखों श्रद्धालुओं के आगमन को देखते हुए 12 किलोमीटर क्षेत्र में स्नान के लिए विशेष घाट तैयार किए गए हैं। संगम तट पर श्रद्धालुओं के लिए हाई लेबल की सफाई, सिक्योरिटी और मॉर्डन फेसिलिटी के इंतजाम किए गए हैं।
नए सिरे से डेवलप किए गए संगम के घाट
महाकुंभ के उप मेला अधिकारी अभिनव पाठक के अनुसार, संगम क्षेत्र के घाटों को नए सिरे से विकसित किया गया है। सफाई व्यवस्था को प्राथमिकता दी गई है, और निर्माण कार्यों को तेजी से पूरा किया जा रहा है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी इंतजाम किए गए हैं। लाइटिंग अरेंजमेंट के साथ महिलाओं के लिए चेंजिंग रूम की भी व्यवस्था है। बोरों में कांसा, पुआल और मिट्टी भरकर सीढ़ियां तैयार की गई हैं।
प्रमुख स्नान घाटों पर क्या सुविधाएं?
महाकुंभ 2025 के लिए गंगा और यमुना के किनारे 7 प्रमुख पक्के घाट बनाए गए हैं। हर घाट पर सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा गया है।
1. दशाश्वमेध घाट (गंगा नदी)
यह घाट 110 मीटर लंबा और 95 मीटर चौड़ा है। सिटिंग प्लाजा, पार्किंग, यज्ञशाला, मेडिटेशन सेंटर, आरती स्थल और चेंजिंग केबिन बने हैं।
2. किला घाट (यमुना नदी)
60 मीटर लंबा और 70 मीटर चौड़ा। भारी भीड़ को संभालने के लिए विशेष रूप से डिजाइन किया गया।
3. सरस्वती घाट (यमुना नदी)
30 मीटर लंबा और 60 मीटर चौड़ा। स्नान और धार्मिक गतिविधियों के लिए।
4. मोरी घाट (यमुना नदी)
30 मीटर लंबा और 60 मीटर चौड़ा। संगम क्षेत्र के पास।
5. काली घाट (गंगा नदी)
30 मीटर लंबा और 60 मीटर चौड़ा। अंत्येष्टि स्थल के पास।
6. छतनाग घाट (गंगा नदी)
गंगा के बाएं किनारे पर यह घाट बना है। 30 मीटर लंबा और 60 मीटर चौड़ा।
7. महेवा घाट (यमुना नदी)
भैरव मंदिर के समीप। 30 मीटर लंबा और 60 मीटर चौड़ा।
महिलाओं के लिए विशेष चेंजिंग रूम
सभी घाटों पर महिलाओं और लड़कियों की सुविधा के लिए अलग चेंजिंग रूम बनाए गए हैं। यह महिलाओं की सुरक्षा और उनकी निजता का विशेष ध्यान रखने के लिए किया गया है।
सुरक्षा और सफाई के विशेष इंतजाम
महाकुंभ में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए विशेष सुरक्षा प्रबंध किए जा रहे हैं।
प्रतीक चिन्ह और सिंबल
हर घाट को अलग-अलग प्रतीक चिन्ह जैसे त्रिशूल, डमरु आदि से चिह्नित किया गया है, ताकि श्रद्धालुओं को घाटों की पहचान करने में मुश्किल न हो।
वॉच टावर और बैरिकेडिंग
वॉच टावर से संगम क्षेत्र की निगरानी होगी। घाटों पर जल बैरिकेडिंग की व्यवस्था। ताकि श्रद्धालु सुरक्षित स्नान कर सकें।
नावों की टेस्टिंग और लाइसेंस जांच
सभी नावों की क्षमता और लाइसेंस को चेक किया गया है। नावों पर लाइसेंस नंबर स्पष्ट रूप से प्रदर्शित किए जाएंगे।
जल पुलिस की सतर्कता
श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए जल पुलिस को सतर्क रखा गया है। सभी स्नान घाटों पर सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए हैं।
Last Updated Jan 8, 2025, 7:43 PM IST